3 पूर्व प्रमुखों से पूछताछ न करने पर उठाए सवाल दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए जांच एजेंसी से सवाल किया है कि उसने अपने पूर्व सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा, एपी सिंह और आलोक वर्मा और करोड़पति मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ फरवरी 2017 में दर्ज रिश्वत मामले में अभी तक पूछताछ क्यों नहीं की?
जासूसी मामले में पत्रकार राजीव शर्मा को नहीं मिली राहत, अदालत ने आरोपों को माना गंभीर सीबीआई मामले को आगे बढ़ाना चाहती है या नहीं सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने जांच एजेंसी के अधिकारियों से इस बारे में कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि सीबीआई अपने पूर्व-निदेशकों में से दो की भूमिका से जुड़े मामले में अपने पैरों को क्यों खींच रही है? इससे तो यही लगता है कि उनके संबंध में एजेंसी जांच को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है।
एपी सिंह और रंजीत सिन्हा की भूमिका जांच के दायरे में न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में सीबीआई के पूर्व-निदेशकों में से एपी सिंह और रंजीत सिन्हा की भूमिका जांच के दायरे में है। इस मामले में निष्पक्ष और ईमानदार जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक ही समय में अपने दो पूर्व प्रमुखों के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए सीबीआई को काम करने की जरूतर है। जब कोई भी संस्था या संगठन खुद को एक चौराहे पर खड़ा पाता है, तो उसे सही रास्ता अपनाना पड़ता है। आज सीबीआई के सामने यही अहम सवाल है।
चीन को सबक सिखाने के लिए सेना का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक ऑपरेशन जारी, एलएसी पर वायुसेना अलर्ट जांच को तार्किक आधार क्यों नहीं दिया गया? विशेष अदालत ने एजेंसी से यह भी जानने की कोशिश की कि उसने संभावित संदिग्धों की तलाशी और हिरासत में पूछताछ जैसी जांच और परीक्षण को तार्किक आधार देने का काम क्यों नहीं किया? कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि क्या जांच को रोकने में वर्मा द्वारा निभाई गई कथित भूमिका की जांच की गई है या नहीं। क्या निश्चित समयसीमा के अभाव में जांच अनिश्चित काल के लिए चलेगी? अब फिलहाल इस मामले की सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।
इस केस में कई गवाहों से पूछताछ बाकी इसके जवाब में सीबीआई ने 26 सितंबर को अदालत को बताया कि इस मामले में 544 दस्तावेज एकत्र किए गए थे। तीन आरोपियों सहित 63 गवाहों की जांच की गई थी। इसमें कहा गया है कि इस मामले में पूर्व जांच अधिकारी देविंदर कुमार मोइन कुरैशी, प्रदीप कोनेरू, आदित्य शर्मा और सतीश बाबू सना को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव पेश किया था।
सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और प्रस्ताव पर कार्रवाई नहीं की जा सकी। मामले में जांच पूरी करने के लिए कई संभावित गवाहों की जांच होनी बाकी है।
Bihar चुनाव : बगावती तेवर से चिराग का उपेंद्र जैसा हाल, एलजेपी के 4 सांसद एनडीए छोड़ने को तैयार नहीं मोइन कुरैशी पर घूस देने का आरोप बता दें कि सीबीआई ने अपने एक एफआईआर में मीट कारोबारी मोइन कुरैशी पर कंपनी की अपनी नौकरी के अलावा कुछ नौकरशाहों के लिए एक बिचौलिए के रूप में काम करने का आरोप लगाया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि कुरैशी ने एपी सिंह की भी मदद की, जो 2012 में सीबीआई प्रमुख के रूप में रिटायर हुए थे। इसी मामले में रंजीत सिन्ना पर भी रिश्वत लेने के आरोप व एक अन्य पर रिश्वत लेने के आरोप हैं।