वैज्ञानिकों ने अप्रैल और जून में 28 राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण पद्धति एवं संक्रमण संख्या का अध्ययन करके ये निष्कर्ष निकाला कि कोरोना वायरस का प्रभाव बरसात के मौसम से ज्यादा फैलने की आशंका है। क्योंकि गर्मी बढ़ने के दौरान वायरस की गति धीमी पड़ रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक तापमान एक डिग्री बढ़ने से संक्रमण का मामला 0.99 प्रतिशत कम हो जाता है। वायरस की क्रिया धीमी होती है। संक्रमण के दोगुनी होने की गति 1.13 प्रतिशत कम हो जाती है। जबकि बारिश या जाड़े के शुरू होते ही वायरस अपना पैर तेजी से पसारने लगते हैं।
इस दौरान लोगों की इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। इसलिए वायरस शरीर में मजबूती से अपनी पकड़ बना लेते हैं। आईआईटी भुवनेश्वर स्कूल ऑफ अर्थ, ओसेन एंड क्लाइमेटिक साइंस के विनोज वी., गोपीनाथ एन और एम्स भुवनेश्वर के डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबाइलोजी विभाग के विजयिनी वी. और वैजयंती माला एम. ने इसका विस्तारपूर्वक अध्ययन किया। उनके मुताबिक पहले माना जा रहा था कि मौसम का इस वायरस पर असर नहीं पड़ता है, लेकिन पिछले आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि ये मौसम के मुताबिक अपना रूप बदलता है। चूंकि गर्मियों में इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी हुई थी। इसलिए बारिश और जाड़े के मौसम में ये ज्यादा सक्रिय हो सकते हैं। हालांकि अभी इस पर सटीक जानकारी देने के लिए विस्तार में अध्ययन करने की जरूरत है।