Coronavirus: कुल मामले 81 लाख से ऊपर, भारत में महामारी से जुड़े टॉप 10 प्वाइंट कोविड-19 वैक्सीन के वितरण के लिए समन्वय समितियां गठित करने के बारे में राज्यों को दी गई सलाह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि टीके लगाने में करीब एक वर्ष का वक्त लगेगा। इसमें कई समूहों को चरणबद्ध ढंग से शामिल किया जाएगा। इनमें सबसे पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीके दिए जाएंगे। इसके अलावा मंत्रालय ने सरकार ने कहा है कि टीकों को लेकर सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलने से भी सतर्क रहने के उपाय अपनाए जाएं।
केंद्र ने कहा है, “किसी भी संभावना में कोविड-19 वैक्सीन लगाने में एक वर्ष का वक्त लगेगा और इसमें कई समूहों को जोड़ा जाएगा, जिसे चरणबद्ध ढंग से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से शुरू किया जाएगा। इसलिए टीकाकरण सहित अन्य नियमित स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में न्यूनतम व्यवधान को सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर मजबूत सलाहकार और समन्वय तंत्र बनाना महत्वपूर्ण है।”
COVID-19 Vaccine लगाने पर कुछ हो जाए तो? जानिए WHO वैक्सीन इंश्योरेंस स्कीम की 10 प्रमुख बातें सरकार ने अफवाहों को फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर भी नज़र रखने पर भी जोर दिया है जो कोरोना वायरस टीकाकरण की सामुदायिक स्वीकृति को प्रभावित कर सकता है। मंत्रालय ने कहा, “यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शुरू में वैक्सीन की आपूर्ति भारी मांग के कारण सीमित होगी, इसलिए टीकाकरण के लिए सामाजिक-जनसांख्यिकी समूहों को प्राथमिकता में रखा जाएगा और बाद में टीकाकरण में अन्य समूहों को शामिल किया जाएगा।”
एक पत्र में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ), अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) के नेतृत्व में एक राज्य संचालन समिति (एसएससी) और जिला मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक जिला टास्क फोर्स (DTF) की स्थापना का सुझाव दिया है।
कोरोना के बाद अगली महामारी को लेकर बड़ी चेतावनी, अभी से जरूरी है तैयारी क्योंकि सामने आई जानकारी यह समिति कोल्ड चेन की तैयारियों, परिचालन और संचार योजना, भौगोलिक इलाके और नेटवर्क कनेक्टिविटी के संदर्भ में राज्य-विशेष चुनौतियों के लिए रणनीति के तहत राज्य की प्रारंभिक गतिविधियों की समीक्षा करेगी।