#Coronavirus को लेकर पीएम मोदी की बड़ी घोषणा, 1 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान सबसे पहले तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर के अपडेट के बारे में बता दें, जिन्होंने बुधवार दोपहर एक ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, “यह एक बेहद महत्वपूर्ण थ्रेड (कई ट्वीट्स की चेन) है- यहां तक कि #COVID19 की जानकारी के साथ इसे पढ़ने के लिए और ज्ञानवर्धन करने के लिए निवेदन करने वाले लोगों से आग्रह भी किया जाता है।”
आपकी जेब में रखे करेंसी नोट से भी है कोरोना वायरस का खतरा, आरबीआई ने जारी की एडवायजरी थरूर ने डॉ. फहीम युनूस के ट्वीट को शेयर किया है। फहीम अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में चीफ क्वॉलिटी ऑफिसर और संक्रामक रोगों के प्रमुख हैं, जो स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां ट्वीट करते हैं। फहीम ने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं #COVID19 के बारे में कई मिथक सुन रहा हूं और जल्दी से इन बातों को साफ करना चाहूंगा। गर्मी के महीनों मे
कोरोना वायरस स चले जाएंगे। गलत। पिछली महामारियां मौसम के मिजाज के अनुरूप नहीं चलीं, और साथ ही जैसे कि जब हम गर्मियों में प्रवेश करेंगे, दक्षिणी गोलार्ध में सर्दी हो जाएगी। वायरस वैश्विक है।”
मिथक #1: COVID-19 के लिए इबुप्रोफेन खराब है। क्या मुझे इसके बजाय टाइलेनॉल का उपयोग करना चाहिए? नहीं, यह गलत है। इस लापरवाह राय को साबित करने वाले अध्ययन नहीं हैं।
मिथक #2: गर्मियों में, मच्छर के काटने से वायरस अधिक फैल जाएगा। गलत। यह संक्रमण श्वसन की बूंदों से फैलता है, खून से नहीं। मच्छर इसे नहीं फैलाते हैं। मिथक #3: यदि आप बिना किसी परेशानी के 10 सेकेंड के लिए अपनी सांस रोक सकते हैं, तो आपको COVID नहीं है।
गलत। कोरोना वायरस संक्रमित अधिकांश युवा रोगी 10 सेकेंड से अधिक समय तक अपनी सांस रोक पाएंगे और वायरसमुक्त कई बुजुर्ग ऐसा करने में सक्षम नहीं होंगे। मिथक #4: चूंकि COVID परीक्षण अनुपलब्ध है, हमें रक्त दान करना चाहिए। ब्लड बैंक इसके लिए परीक्षण करेगा।
गलत। कोई भी ब्लड बैंक कोरोना वायरस के लिए परीक्षण नहीं कर रहा है, इसलिए यह प्रयास विफल हो जाएगा। रक्तदान एक पवित्र कार्य है; आइए सुनिश्चित करें कि हम सही कारणों से प्रेरित हैं।
मिथक #5: कोरोना वायरस गले में रहता है। इसलिए ढेर सारा पानी पीएं ताकि वायरस पेट में चला जाए जहां एसिड उसे मार देगा। गलत। वायरस गले के माध्यम से प्रवेश कर सकता है लेकिन यह कोशिकाओं में प्रवेश करता है। आप इसे धो नहीं सकते। अत्यधिक पानी आपको केवल शौचालय तक ही पहुंचाएगा।
मिथक #6: यह सभी सामाजिक दूरियां एक बेवजह की प्रतिक्रिया हैं। आप देखेंगे कि वायरस बहुत नुकसान नहीं पहुंचाएगा। अगर हमें काफी संक्रमण नहीं दिखते हैं (मुझे उम्मीद है), तो यह वास्तव में साबित होगा कि सामाजिक दूरियां बनाना काम कर गया। केवल ऐसा नहीं है कि वायरस कभी बड़ी बात नहीं थी।
मिथक #7: कार दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 30,000 लोगों की मौत होती है। तो COVID-19 के साथ क्या बड़ी बात है? कार दुर्घटना संक्रामक नहीं हैं। इससे हर तीन दिनों में दोगुनी मौते नहीं होती हैं, ये बड़े पैमाने पर आतंक या बाजार में गिरावट का कारण नहीं बनती हैं।
मिथक #8: साबुन और पानी से हैंड सैनेटाइज़र बेहतर होते हैं। गलत। साबुन और पानी वास्तव में त्वचा से वायरस को मारता है और धो देता है (यह हमारी त्वचा की कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर सकता है) और साथ ही यह हाथ में दिखाई देने वाले मैल को भी साफ करता है। चिंता मत करिए अगर आपकी सुपरमार्केट में हैंड सैनेटाइजर खत्म हो गया हो।
मिथक #9: COVID-19 को रोकने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक यह है कि अपने घर में हर दरवाजे के हैंडल को कीटाणुनाशक से साफ करना है। गलत। हाथ धोना और 6 फीट की दूरी बनाए रखना सबसे अच्छा अभ्यास है। जब तक आपके घर में एक COVID रोगी नहीं है, तब तक आपके घर की सतहों पर बड़ा जोखिम नहीं होना चाहिए।
मिथक #10: COVID-19 जानबूझकर (आपकी राजनीति के आधार पर) अमरीकी या चीनी सेना द्वारा फैलाया गया था। वास्तव में ऐसा है क्या??? (फिलहाल इतना ही। स्वस्थ रहो। दयालु हो। विशवास रखो। दूसरी तरफ मिलते हैं। यह वक्त भी गुजर जाएगा।)