हालांकि ICMR ने दावा किया है कि इस तरह के मरीजों की संख्या बहुत अधिक नहीं है और हालात पूरी तरह से कंट्रोल में हैं।
यही नहीं ICMR ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि देश में कोरोना टेस्ट किट की कोई कमी नहीं है।
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आइसीएमआर के डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर के अनुसार दमे के कुछ मरीजों कोरोना पॉजिटिव पाया गया हैै और इनकी न तो कोई ट्रैवल हिस्ट्री है और न ही ये कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं।
लेकिन गंगाखेड़कर ने स्वीकार किया है कि ऐसे मरीजों की संख्या न के बराबर है और इसको कम्युनिटी ट्रांसमिशन का केस नहीं माना जा सकता।
डॉक्टर गंगाखेड़कर की मानें तो कोरोना के चलते कुछ ऐसे भी मामले देखने को मिले हैं, जो अपने ट्रैवल हिस्ट्री छुपाते दिखे हैं।
अब ऐसे मरीजों की पहचान कर उनकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा कि उनके संक्रमण का श्रोत क्या रहा था ।
डॉक्टर गंगाखेड़कर ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में फिलहाल कोरोना टेस्ट किट की कोई कमी नहीं है।
अमरीका से पांच लाख किट और मंगवाएं गए हैं।
देश की सरकारी लैबों में रोजाना 12 हजार टेस्ट करने की क्षमता है। हालांकि अभी इनका पूरी तरह से इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा है।