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झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, शुरू करेगी घर-घर कोरोना स्क्रीनिंग अभियान

झारखंड सरकार ( Jharkhand Govt ) 18 जून से पूरे प्रदेश में शुरू करेगी डोर टू डोर ( door to door survey ) स्क्रीनिंग।
ICMR से कम्यूनिटी ट्रांसमिशन ( community transmission ) के लिए एंटीबॉडी टेस्ट ( Covid-19 Testing ) कराने की भी मांग की।
कोरोना ( Coronavirus Outbreak ) के अलावा मधुमेह, रक्तचाप, सांस, लिवर, कैंसर, कुष्ठ रोग व मोटापा की भी जांच और मरीजों की सूची होगी तैयार।

Govt to start door to door COVID-19 screening

रांची। कोरोना वायरस महामारी के तेजी से बढ़ते मामलों ( Coronavirus outbreak ) पर रोक लगाने के लिए हर राज्य अपने स्तर से तमाम प्रयास करने में जुटे हैं। इस कड़ी में झारखंड सरकार ( Jharkhand Govt ) ने हर घर में कोरोना जांच ( Covid-19 Testing ) के लिए डोर टू डोर अभियान ( door to door survey ) शुरू करने की घोषणा की है। आगामी 18 जून से शुरू होने वाले इस अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्यकर्मी प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एक-एक घर जाकर लक्षणों के आधार पर हर सदस्य की COVID-19 जांच करेंगे। इस दौरान टीम हर परिवार में बुजुर्ग व्यक्ति का सैंपल भी लेगी। जबकि सरकार सामुदायिक प्रसार ( community transmission ) के लिए ICMR से भी एंटीबॉडी टेस्टिंग कराने की मांग कर रही है।
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झारखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार ने कोरोना हराओ अभियान शुरू करने का फैसला किया है। सरकार ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर इस अभियान को व्यापक रूप से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। अभियान के तहत घर-घर जाने वाली स्वास्थकर्मियों की टीम मधुमेह, रक्तचाप, सांस, लिवर संबंधी समस्या, मुंह का कैंसर, कुष्ठ रोग व मोटापा आदि जैसी स्वास्थ्य जांच करेगी। इस दौरान विभाग ऐसे सभी मरीजों की सूची भी तैयार करेगा।
डॉ. कुलकर्णी ने आगे बताया कि प्रदेश सरकार सभी जिलों में कोरोना के सामुदायिक प्रसार का सर्वेक्षण भी करवाएगी।इसके लिए सरकार द्वारा इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) से आग्रह किया जाएगा। राज्य सरकार का मानना है कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पता लगाने के लिए यह सर्वे आवश्यक है। इस सर्वे के अंतर्गत लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट होगा।
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तीन जिलों में हुआ ICMR सर्वे

उन्होंने बताया कि देश के 200 शहरों में अब तक यह सर्वे किया जा चुका है। प्रदेश के पाकुड़, लातेहार और सिमडेगा जिले में भी यह सर्वे आयोजित किया जा चुका है। सर्वे में इन जिलों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन लगभग नहीं के बराबर मिला है। स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक सर्वे की रिपोर्ट में पाकुड़ में 1.25 प्रतिशत, लातेहार में शून्य और सिमडेगा में एक प्रतिशत ही पॉजिटिविटी देखी गई है। झारखंड के इन तीन जिलों में रैंडम सैंपल के तौर पर सर्वे किया गया था।
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दो सप्ताह में बढ़ सकते हैं तेजी से मामले

डॉ. कुलकर्णी के मुताबिक अगर इसी रफ्तार से कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती रही तो अगले 15 दिनों में केस 5050 तक पहुंच सकते हैं। हालांकि श्रमिकों ( migrant labourers ) के घर वापस आने की संख्या में कमी आने से उम्मीद है कि मरीज कम मिलेंगे। फिलहाल जितने पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं उसमें प्रवासी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा पता चली है।
5.11 लाख श्रमिक लौटे

स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक झारखंड में अब तक 5.11 लाख श्रमिक लौट चुके हैं। इनमें से अभी तक 78 हजार से ज्यादा लोगों के सैंपल जांचें जा चुके हैं। सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित श्रमिकों की संख्या दिल्ली से वापस आने वालों की है और करीब 2.83 फीसदी पॉजिटिव निकले हैं। जबकि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक से झारखंड पहुंचे दो फीसदी से ज्यादा मजदूरों में संक्रमण मिला है।

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