कोरोना का नया रूप भारत के साथ दुनियाभर में चिंता का बड़ा कारण बनता जा रहा है। इसी बीच कोरोना संक्रमित में बेहद ही गंभीर मानसिकता रोग, कोविड साइकोसिस का पता चला है। अमरीका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में साइकोटिक लक्षण वाले मरीज मिले हैं।
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कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से कई संक्रमितों में कोविड साइकोसिस की बीमारी देखने को मिल रही है। इसके तहत मरीजों को अचानक सुनाई देता है कि उन्हें खुद को मारना है। कभी अपने बच्चों या करीबियों को मारने के लिए कोई कहता हुआ सुनाई देता है। अचानक चिड़ाचिड़ापन या फिर अकेले बैठने का मन होता है। इसके साथ ही बड़बड़ाने या फिर भूलने जैसी दिक्कतें भी देखने को मिल रही हैं।
कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से कई संक्रमितों में कोविड साइकोसिस की बीमारी देखने को मिल रही है। इसके तहत मरीजों को अचानक सुनाई देता है कि उन्हें खुद को मारना है। कभी अपने बच्चों या करीबियों को मारने के लिए कोई कहता हुआ सुनाई देता है। अचानक चिड़ाचिड़ापन या फिर अकेले बैठने का मन होता है। इसके साथ ही बड़बड़ाने या फिर भूलने जैसी दिक्कतें भी देखने को मिल रही हैं।
अमरीका के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिसाम विली का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से इजाफा हो रहा है। डॉक्टर के मुताबिक अब तक साइकोसिस के जितने भी मरीज सामने आए हैं, उनमें कोविड संक्रमण से पहले कोई मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नहीं थी। इससे जाहिर होता है कि कोविड का नया स्ट्रेन इन लोगों को मानसिक रूप से बीमार कर रहा है। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ नहीं थी।
10 मरीजों में नए तरह के साइकोसिस की शुरुआत
ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि कोरोना के 153 मरीजों में से 10 मरीजों में नए तरह के साइकोसिस की शुरुआत देखी गई है।
ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि कोरोना के 153 मरीजों में से 10 मरीजों में नए तरह के साइकोसिस की शुरुआत देखी गई है।
शरीर के साथ मस्तिष्क पर भी असर
मानसिक और मस्तिष्क रोग विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर रहा है। इससे संक्रमित लोगों में नई तरह की मानसिक बीमारी देखने को मिल रही है।
मानसिक और मस्तिष्क रोग विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर रहा है। इससे संक्रमित लोगों में नई तरह की मानसिक बीमारी देखने को मिल रही है।
डॉक्टर विली के मुताबिक उनके पास पहले जो भी मरीज इलाज के लिए आए हैं उनमें सिर में दर्द, हाथ में कंपन, चक्कर और स्वाद लेने की क्षमता प्रभावित थी। लेकिन अब दीमागी दिक्कतें भी देखने को मिल रही हैं।
दो सप्ताह में विकसित होती है बीमारी
विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड साइकोसिस से ग्रसित मरीजों में मनोविकृति की तकलीफ दो सप्ताह या महीनों बाद विकसित होना शुरू हुई जो बेहद ही गंभीर है। खास तौर पर उनके करीब रहने वालों के लिए ये काफी डरावना है।
विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड साइकोसिस से ग्रसित मरीजों में मनोविकृति की तकलीफ दो सप्ताह या महीनों बाद विकसित होना शुरू हुई जो बेहद ही गंभीर है। खास तौर पर उनके करीब रहने वालों के लिए ये काफी डरावना है।
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मनोचिकित्सकों के मुताबिक कोरोना मरीजों में मस्तिष्क संबंधी तकलीफ होने के कई कारण हो सकते हैं। खास तौर पर ऐसा रक्त वाहिकाओं में संकुचन और सूजन की तकलीफ से ज्यादा देखने को मिलता है।
मनोचिकित्सकों के मुताबिक कोरोना मरीजों में मस्तिष्क संबंधी तकलीफ होने के कई कारण हो सकते हैं। खास तौर पर ऐसा रक्त वाहिकाओं में संकुचन और सूजन की तकलीफ से ज्यादा देखने को मिलता है।
कुछ विशेष तरह के खराब तत्व यानी न्यूरोटॉक्सिन्स मस्तिष्क तक रक्त के जरिए पहुंचते हैं, ऐसे में ये दिमागी दिक्कतों को जन्म देते हैं।