इस बारे में डीआरडीओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीपीई किट की तेजी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उसने ग्वालियर स्थित अपने जांच केंद्र ( डीआरडीई ) को दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आॉफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंस ( इनमास ) में शिफ्ट कर दिया है। इस केंद्र को पीपीई की जांच के लिए पूरी तरह तैयार कर दिया गया है। 10 बैच से भी अधिक वस्तुओं की इस प्रयोगशाला में जांच भी की जा चुकी है।
दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आॉफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंस बॉडी सूट और मास्क के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए भी यह पूरी तरह उपयुक्त है। मंत्रालय के मुताबिक इन वस्तुओं के 50 से अधिक बैचों को पहले ही इस प्रयोगशाला में परीक्षण किया जा चुका है।
आपको बता दें कि डीआरडीई ग्वालियर जैविक और रासायनिक एजेंटों के खिलाफ पहचान और संरक्षण प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में माहिर है। बयान में कहा गया है कि ग्वालियर प्रयोगशाला अब सिर्फ एचएलएल हेल्थकेयर लिमिटेड को विदेशों से प्राप्त मास्क का परीक्षण करेगी।
डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीपीई किट पर परीक्षण आयोजित करना एक चुनौती भरा काम है। इसमें त्रुटि के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है क्योंकि यह स्वास्थ्यकर्मी की सुरक्षा के बारे में है।