बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को वीकेंड लॉकडाउन (
coronavirus Lockdown ) की घोषणा की है। बता दें कि केरल में एक स्मॉल कंटेनमेंट सिस्टम भी तैयार किया जाएगा, जिसके तहत कोरोना को ट्रेस करने के साथ-साथ टेस्टिंग भी पुरजोर तरीके से की जाएगी।
केरल के मुख्यमंत्री ने क्या कहा केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (
Pinarayi Vijayan) ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि अभी प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। मलप्पुरम, कोझीकोड और कासरगोड जिलों में कोरोना के मामले अधिक हैं। कोरोना की बढ़ती हुई पॉजिटिव दर को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन को प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करना चाहिए।
सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या हैं गाइडलाइंस वीकेंड लॉकडाउन के तहत केंद्र और राज्य कर्मचारियों को सरकारी कार्यलयों में 50 प्रतिशत की उपस्थित के लिए आदेश दिए गए हैं, जबकि ग्रेड सी के कर्मचारी 25 प्रतिशत उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शेष कर्मचारियों को कोरोना रोकथाम गतिविधियों में शामिल होना चाहिए।
गौरतलब है कि 23 जुलाई को केरल में कोरोना के 17,518 नए मामले सामने आए, जो भारत के कुल मामलों के आधे से थोड़े कम हैं। वीकेंड लॉकडाउन से सरकारों को काफी उम्मीदें हैं लेकिन अगर यह काम नहीं कर पाया तो सख्तियां और बढ़ाई जा सकती हैं।
देश में क्या है कोरोना की स्थिति वहीं, पूरे देश की बात की जाए तो बीते दिन 39,097 नए मामले सामने आए, जिससे कुल मामलों का आंकड़ा 3,13,32,159 तक पहुंच गया है ।बीते 24 घंटों में 546 मौतें हुई। इसी के साथ मरने वालों का आंकड़ा 4,20,016 तक पहुंच गया है। वहीं, कर्नाटक सरकार ने गिरते हुए कोरोना के मामलों को देखते हुए मंदिरों को खोलने की इजाजत दे दी है। तीसरी लहर की आशंका के बीच ऐसी गतिविधियों पर छूट देना कितना नुकसानदायक है, यह तो कोरोना के आगामी आंकड़े ही बता सकते हैं।