लेकिन लॉकडाउन के साथ ही लोगों में निराशा और हताशा भी बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके कोरोना वायरस ( Coronavirus outbreak ) के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
हालांकि लॉकडाउन से कोरोना वायरस के संक्रमण ( Coronavirus Infection ) को फैलने से रोकने में मदद जरूर मिल है। लेकिन अब दुनिया के देशों के सामने मुसीबत यह भी है कि आखिर लॉकडाउन को खत्म करें तो कैसे करें—
COVID-19: अगर मौसमी बीमारी बना कोरोना वायरस तो क्या हर साल मचेगी तबाही?
सरकारें इस विकल्प पर भी विचार कर रहीं हैं कि बजाए लॉकडाउन खत्म करने के केवल कुछ प्रतिबंधों को हटा दिया जाए।
डर यह भी है कि लॉकडाउन हटाने के बाद सरकारों के सामने कोरोना के संक्रमण को रोकने की बड़ी चुनौती होगी।
इसका सबसे बड़ा उदाहरण चीन है, जहां लॉकडाउन हटते ही कोरोना संक्रमण फिर उभर कर आ गया। इस हिसाब से कोरोना के साथ चलने वाली जंग काफी लंबी दिखाई देती है।
लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के डॉक्टर एडम कुचार्सकी के अनुसार कुछ गतिविधियां ऐसी होती हैं जिन्हें लेकर जोखिम कम रहता है।
लॉकडाउन बढ़ा तो बढ़ेगी लोगों की आर्थिक तंगी, जरूरी सामान खरीदना भी बनेगा चुनौती
डॉक्टर एडम ने बताया कि प्रतिबंधों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है। पहली जिनमें कम जोखिम हो, दूसरी जिसमें थोड़ा ज्यादा जोखिम हो और तीसरी, जो ज्यादा जोखिम भरी हो।
कम जोखिम भरी पाबंदियों में मॉरनिंग या इवनिंग वॉक करना। इसके अलावा मार्केट से खरीदारी करना आदि। लेकिन जो सबसे अधिक जोखिम भरी पाबंदियां हैं उनमें- स्कूल कॉलेज खोलना, वर्क फ्रॉम हॉम खत्म करना या क्वारंटीन समाप्त करना आदि।
लेकिन इनमें भी यह तय करना मुश्किल है कि किस श्रेणी में कितनी ढ़ील दी जाए, ताकि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सके।
लॉकडाउन में बढ़ेगी सप्लाई चेन की चुनौतियां, देश में खड़ा हो सकता है महासकंट
Hindi News / Miscellenous India / Coronavirus: लॉकडाउन से बाहर आना नहीं इतना आसान, करने होंगे ये उपाय