जानकारी के मुताबिक कंपनी की परीक्षण किट भारत में बनी पहली किट है, जिसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से वाणिज्यिक उत्पादन के लिए मंजूरी मिल चुकी है। कंपनी ने इस किट को ‘मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वालिटेटिव पीसीआर किट’ नाम दिया है।
एक कीट में 1000 लोगों की जांच संभव मायलैब ने बताया कि इस साझेदारी के तहत निवेश किए गए धन का इस्तेमाल कोविड-19 के परीक्षण किट का उत्पादन बढ़ाने और आण्विक डायग्नोस्टिक समाधान के विस्तार के लिए किया जाएगा। कंपनी का दावा है कि एक किट से 1000 लोगों की जांच संभव है। अभी एक लैब में औसतन दिनभर में 100 नमूनों की जांच होती है। कंपनी के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत किट बनाई गई है। किट विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के मानकों के अनुसार तैयार हुई है।
ढाई घंटे के अंदर हो जाएगी जांच किट को स्थानीय स्तर पर बनाने से इसकी मौजूदा लागत घटकर एक चौथाई हो जाएगी। अभी कोरोना की जांच में चार घंटे लगते हैं। इसके जरिए जांच ढाई घंटे के भीतर संभव है। किट की कीमत करीब 1200 रुपए होगी।