भारत में 7जून का दिन काफी अहम है क्योंकि दिल्ली स्थित एम्स में कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों पर टीके का ट्रायल शुरू किया जा रहा है। बच्चों पर भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सिन’ टीके का ट्रायल शुरू किया जाएगा।
इस ट्रायल के पहले चरण में कुल 16 बच्चे शामिल होंगे। इससे पहले भारत बायोटेक ने 12 से 18 वर्ष के बच्चों को लेकर पटना एम्स में वैक्सीन ट्रायल किया गया था। जहां 3 जून को बच्चों को टीके की डोज लगाई गई।
ट्रायल शुरू करने से पहले बच्चों की अच्छी तरह स्क्रीनिंग की जाएगी जिसमें देखा जाएगा कि वो पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं। स्वस्थ पाए जाने के बाद ही बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
एम्स, पटना के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा, ट्रायल के लिए 54 बच्चों ने रजिस्ट्रेश किया था, जिनमें से 12 से 18 साल की उम्र के 16 बच्चे थे। उन्होंने कहा कि शारीरिक परीक्षण के अलावा, इन बच्चों पर कोविड -19 एंटीबॉडी या किसी अन्य पहले से मौजूद बीमारियों की जांच के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किए गए।
इन परीक्षणों के बाद, आयु वर्ग को 6-12 साल और फिर 2-6 साल में बांट दिया जाएगा, लेकिन फिलहाल 12-18 साल के आयु वर्ग में ट्रायल शुरू कर दिए हैं।
देश में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से हुई। पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया गया था। इसके बाद दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वॉरियर्स को टीका लगा था, 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण शुरू हुआ। जबकि 1 अप्रैल से 45 साल से ऊफर के लोगों को टीका लगाने की अनुमति मिल गई थी। वहीं 1 मई से 18 से 44 साल तक के लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है।