उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने गुजरात के जामनगर संयंत्र से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। तो वहीं, अब कई क्षेत्रों में कार्यरत टाटा समूह ने ऑक्सीजन टैंकरों की कमी को देखते हुए 24 क्रायोजेनिक कंटेनर आयात करने का फैसला किया है। टाटा समूह ने इसके लिए जर्मन कंपनी लिंडे इंडिया लिमिटेड से समझौता किया है।
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जर्मनी की कंपनी लिंडे समूह की भारतीय इकाई ने एक बयान में कहा कि टाटा समूह के साथ मिलकर भारत में कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में योगदान करने के लिए उसने 24 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक हासिल किए हैं।
प्लांट से राज्यों को भेजा जा रहा है ऑक्सीजन
बयान में आगे कहा गया है कि इस राष्ट्रीय जरूरत में योगदान करने के लिए लिंडे इंडिया ने टाटा समूह और भारत सरकार के साथ हाथ मिलाया है, ताकि देश भर में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की उपलब्धता बढ़ाने के उपाय किए जा सकें।
लिंडे इंडिया ने टाटा समूह के साथ साझेदारी में अंतरराष्ट्रीय सूत्रों से मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 24 क्रायोजेनिक टैंक हासिल किए हैं, ताकि मेडिकल ऑक्सीजन का परिवहन सुनिश्चित किया जा सके। बयान के मुताबिक, ‘‘ये कंटेनर हवाई जहाज से भारत के पूर्वी हिस्से में पहुंचे हैं, जहां से लिंडे उन्हें अपने एलएमओ संयंत्र तक ले जाएगा। लिंडे के संयंत्र में ये क्रायोजेनिक आईएसओ कंटेनर एलएमओ के उपयोग के लिए तैयार और प्रमाणित किए जाएंगे।’’
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प्रत्येक कंटेनर की क्षमता 20 टन तरल आक्सीजन की है। इनका इस्तेमाल आक्सीजन इकाइयों से तरल आक्सीजन भरा कर अस्पतालों तक पहुंचाने में किया जाएगा। ऑक्सीजन प्लांट से सीधे राज्यों को भेजा रहा है।
लिंडे ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की जल्द से जल्द आपूर्ति को लेकर वह सभी संभव उपाय कर रही है। इसके लिए भारत सरकार के सहयोग से दिल्ली से क्रॉयोजेनिक रोड टैंकर्स को एयरलिफ्ट किया गया और फिर दुर्गापुर स्थित लिंडे के ऑक्सीजन प्लांट से मेडिकल ऑक्सीजन दिल्ली लाया गया। भारतीय रेलवे की खास पेशकश ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए लिंडे ने कलमबोली (महाराष्ट्र) से खाली टैंकर्स मंगाकर विजाग भेजा है, जहां से इसमें ऑक्सीजन भरकर महाराष्ट्र वापस भेजा जाएगा।