हर साल की तरह इस बार पूरे बृज ( Brij ) क्षेत्र में कान्हा जन्म की बधाई, उमंग, मंदिरों में बरसने वाला आनंद और लोगों के उत्साह की झलकियां नहीं दिखेंगी। हर जगह कोरोना गाइडलाइन ( Guideline ) का सख्ती से पालन होगा।
पीएम मोदी ने की इंटरनेट के नए युग की शुरुआत,जानें क्यों कहा इससे ब्लू इकोनॉमी को मिलेगी गति कृष्ण जन्माष्टमी पर भी कोरोना वायरस का असर साफ देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि देशभर में इस पर्व को लेकर कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। इसके तहत कहीं मंदिरों में भक्तों को प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है तो कहीं पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही भक्तों के प्रवेश की अनुमति दी गई है।
10 से 13 अगस्त तक बंद
मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi) में इस बार पहले ही तरह ही सभी तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक कोरोना के चलते मंदिर को आम लोगों के लिए बंद किया गया है। बाकी सभी विधियां पहले की ही तरह होंगी। ये प्रतिबंधन 10 अगस्त से 13 अगस्त तक के लिए लगाया गया है।
इसी तरह वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी कान्हा के जन्म के बाद रात डेढ़ बजे होने वाली आरती के वक्त भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां भी कोरोना वायरस के चलते ये कदम उठाया गया है।
इस बार इस आरती में सिर्फ मंदिर के सेवाधिकारी ही शामिल होंगे। मंदिर के सेवाधिकारियों की ओर से बताया गया कि बांके बिहारी जन्माष्टमी पर पीली पोशाक पहनेंगे।
इस्कॉन में 50 लोगों को अनुमति
इस्कॉन मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना वायरस का असर दिखाई दे रहा है। यहां मंदिर के अंदर ही रहने वाले अधिकतम 50 लोग जन्मोत्सव में हिस्सा ले सकेंगे। सेवाधिकारी और ब्रहृमचारी ही पूजा, अर्चन, अभिषेक, भजन और कीर्तन में शामिल होंगे। बाहर के सभी दरवाजे बंद रहेंगे।
ये है गाइडलाइन
दरअसल गृहमंत्रालय की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी स्थान पर 20 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगी हुई है। वहीं कंटेनमेंट जोन में तो दो से अधिक लोग ही एकत्र नहीं हो सकते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार सरकार के निर्देश अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनाया जाएगा।
जिन भी मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा वहां संख्या सीमित रहेगी। श्रद्धालुओं को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। श्रद्धालु श्रीकृष्ण की झांकियों के दर्शन दूर से ही करेंगे। मंदिरों में सैनिटाइज की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा ये सुनिश्चत होना चाहिए कि किसी भी तरह का स्पर्श आदि ना हो।
लॉकडाउन के बीच इस राज्य के राज्यपाल ने लिख डाली 13 किताबें, जानें कैसे दिया अंजाम ऑनलाइन ही होगा प्रसारणमथुरा,वृंदावन की तरह इस्कॉन मंदिर से भी कृष्ण जन्मोत्सव का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस दिन फेसबुक लाइव, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जन्मोत्सव के आयोजनों की तस्वीरें शेयर की जाएंगी।