नई दिल्ली। जब यह मुहिम शुरू की थी तो मकसद अपने संगठन की जरूरत को ही पूरा करना था लेकिन आईटीबीपी के अधिकारियों को पता नहीं था कि अच्छी क्वालिटी और बेहद कम कीमत होने की वजह से उनके बनाए गए पीपीई और मास्क की देशभर में इतनी ज्यादा मांग हो जाएगी। दरअसल कई राज्यों में विभिन्न संगठनों और स्वयं सेवी संस्थानों ने सुरक्षा बल से पीपीई औऱ मास्क उपलब्ध कराने को कहा है।
अब आईटीबीपी इसका उत्पादन बढ़ाने के साथ ही इसकी बिक्री करने की योजना बना रहा है। सुरक्षा बल के अधिकारियों का कहना है कि बिक्री से आने वाली रकम का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लडऩे में खर्च होगा।
जानें क्या हो सकते हैं कोरोना वायरस के नए लक्षण? वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
पीपीई और मास्क का निर्माण आइटीबीपी ने खुद की आवश्यकताओं, अपने स्वास्थ्य कर्मियों और केन्द्रों और अन्य आवश्यकताओं के लिए किया था।
अभी तक आइटीबीपी के सप्लाई और सपोर्ट बटालियनए सबोली में 200 पीपीई और 500 मास्क प्रतिदिन बनाये जा रहे थे जिसे दोगुना से ज्यादा किया जाएगा।
आइटीबीपी ने अर्बन लोकल बॉडी हरियाणा, रोहतक पी जी डेंटल कॉलेजए कोंडली मुन्सिपल कारपोरेशन सहित कुछ शैक्षणिक व अन्य संस्थाओं को पीपीई और मास्क निरूशुल्क उपलब्ध कराए थे।
अब उसे विभिन्न राज्यों यूपी गुजरात, पश्चिम बंगाल आदि से रोज आपूर्ति के लिए संस्थाएं संपर्क कर रही हैं।
दिल्ली में गरजन के साथ बूंदाबांदी बारिश, इन राज्यों में धूल भरी आंधी के साथ बरसेगा पानी
कोरोना महामारी के बीच भी बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, सीमा पर कर दी गोलीबारी
जवानों के परिवार भी मास्क और पीपीई बनाने में जुटे
सुरक्षा बल ने अपनी निर्माण इकाई के साथ हिमवीर वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (हावा) से भी पीपीई और मास्क के निर्माण में सहयोग लिया है
। सुरक्षा बल के परिवारों से जुड़ा ये संगठन मास्क बनाने के काम मे जुटा है। सुरक्षा बल के परिवारों की महिलाओं ने अपने घरों से ही सैकड़ों मास्क बनाने का काम जारी रखा है। अब तक ये लोग 1000 मास्क बना चुकी हैं।