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COVID-19 : जून के आखिरी में बढ़ेगा कोरोना का कहर, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Coronavirus Peak Time : बायो कंप्यूटैशनल मॉडलिंग पर आधारित है नई स्टडी
वैज्ञानिकों के अनुसार रिप्रोडक्शन नंबर से कोरोना मरीजों की संख्या में हो सकता है इजाफा

May 05, 2020 / 09:48 am

Soma Roy

Coronavirus Peak Time

नई दिल्ली। लॉकडाउन (Lockdown 3.0) के चलते कोरोना भले ही देश को पूरी तरह से प्रभावित नहीं कर पाया है, लेकिन इसका खतरा अभी टला नही हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार जून महीने (June Month) के आखिरी में कोरोना वायरस अपना दोगुना असर दिखाएगा। इससे मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। ये बात कोलकाता (Kolkata) बेस्ड इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन ऑफ साइंस यानी आईएसीएस (IACS) की ओर से कोविड-19 पर की गई स्टडी में सामने आई है।
वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की गति और लॉकडाउन के असर को समझने के लिए इस पर स्टडी की। यह बायो कंप्यूटैशनल मॉडलिंग पर आधारित है। इसमें संक्रमण की दरों में आए बदलावों एवं अच्छे और बुरे समय के बारे में आंकलन किया गया है। स्टडी में संवेदनशील संक्रमित रिकवरी मृत्यु यानी एसआईआरडी मॉडल को भी शामिल किया गया है। इस स्टडी में मॉडल के कर्व और रिप्रोडक्शन नंबर के ट्रेंड को आधार माना कर कहा गया कि जून के आखिर तक संक्रमण का दौर चरम पर होगा। इससे डेढ़ लाख लोग संक्रमित हो सकते हैं।
रिप्रोडक्शन नंबर से बढ़ेंगे कोरोना मरीज
स्टडी के मुताबिक देश में अभी रिप्रोडक्शन नंबर 2.2 पाया गया है। इसका मतलब ये है कि अभी 10 लोग औसतन 22 लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। मगर जून के आखिरी तक यह रिप्रोडक्शन नंबर कम होकर 0.7 हो सकता है। इससे कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होगा।
लॉकडाउन न होने पर खराब होती स्थिति
स्टडी में लॉकडाउन को सही फैसला माना गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार सही समय पर लॉकडाउन करने से कोरोना संक्रमण को फैलने में देरी हुई। अगर सब चीजें दोबारा शुरू कर दी जाए तो स्थिति और भी भंयकर हो सकती थी।

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