इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि एक सितंबर से रोटेशन के आधार पर हाईकोर्ट को भी खोले जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक फिलहाल कोर्ट को फिर से खोलने की कवायद को प्रयोग के तौर पर देखा जाएगा। लेकिन आगे क्या होगा यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पूर्ण उपलब्धता और दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगा।
India : Corona इलाज के बाद रिकॉर्ड 57381 मरीज घर लौटे, 1 दिन में 8,68,679 टेस्ट दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत की कुल क्षमता का केवल एक-चौथाई के साथ कामकाज शुरू किया जा सकता है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार मनोज जैन ने कहा कि यह एक प्रयोग होगा। एक चौथाई क्षमता के साथ अदालत में कामकाज को शुरू की जा सकती है। जबकि बाकी मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत को जारी रखा जा सकता है।
अदालतों को खोलने को लेकर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता में हाईकोर्ट की प्रशासनिक और सामान्य पर्यवेक्षण समिति ने ग्रेडेड एक्शन प्लान तैयार करने के लिए समिति को आदेश दिया था। सोनिया गांधी ने क्यों कहा – देश की आजादी खतरे में है
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से सभी अदालतें लगभग पांच महीने तक बंद हैं। हालांकि जून से लॉकडाउन प्रतिबंधों को कम कर दिया गया था। अदालतें अभी तक केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल सुनवाई कर रही हैं।