इनमें से लगभग 300 लोगों की पहचान राज्य के विभिन्न हिस्सों से की गई है। लेकिन जिन 300 ने प्रार्थना सत्रों में हिस्सा लिया, उनमें से माना जा रहा है कि केवल 80 लोग ही केरल लौटें हैं।
पहले सप्ताह में 200 से ज्यादा ने इस बैठक में भाग लिया था। अनुमान लगाया गया है कि तीसरे सप्ताह में 80 लोगों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
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इनमें से कई लोग पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे हैं। पुलिस ऐसे लोगों के मोबाइल नंबरों को ट्रैक करके इनके बारे में पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है।
इस बीच, जिन दर्जन भर लोगों की पहचान हो चुकी है, वे ठीक हैं। उनमें कोरोनोवायरस के कोई लक्षण नहीं हैं। फिर भी स्वास्थ्य अधिकारी कोई चांस नहीं लेना चाहते हैं, इसलिए इन्हें आइसोलेशन में रखा है।
वहीं, तबलीगी जमात में शामिल होने वाले लोगों की तलाश बिहार में तेज हो गई है। इस दौरान पटना और बक्सर में ऐसे लोगों की पहचान कर ली गई है।
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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बुधवार को बताया कि 18 मार्च के बाद जो भी लोग विदेश से बिहार आए हैं, उनकी जांच करवाई जा रही है।
उन्होंने बताया, “तबलीगी जमात में शामिल होने वालों में पटना से 17 और बक्सर से 13 लोगों की पहचान कर ली गई है और लोगों की पहचान करने की कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं और जांच करवाई जा रही है। कहा जा रहा है कि बिहार से 86 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद वापस लौटे हैं।
आपको बता दें कि देश में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों मुताबिक देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1737 हो गई है।
जबकि अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, और 150 लोगों को या तो अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है या फिर ये बिलकुल ठीक हो चुके हैं।
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