आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कुल 244 लड़के और 228 लड़कियां एक से 26 मार्च तक संक्रमित पाए गए हैं। इस माह की शुरुआत में प्रतिदिन आठ से नौ बच्चे संक्रमित मिले थे। इनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई और 26 मार्च को यह 46 तक पुहंच गई।
विशेषज्ञों के अनुसार पहले की तुलना में अब बच्चों के संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है क्योंकि कार्यक्रमों, जमावड़ों और कुछ कक्षाएं खुल जाने के बाद बच्चे घर से ज्यादा निकल रहे हैं। वहीं ऐसा लॉकडाउन लगने के बाद नहीं हो सकता है।
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र: CM उद्धव ने कोरोना हालातों का जायजा लिया, लॉकडाउन के दिए संकेत स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि विद्यालयों के खुलने,कार्यक्रमों और जमावड़ों में हिस्सा लेने की वजह से वे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे हैं। इससे पहले वे सुरक्षित थे,मगर उनकी कई तरह की गतिविधियों के कारण खतरा अब ज्यादा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में तो बच्चों से घर के सदस्यों में
भी संक्रमण का प्रसार हो रहा है।
भी संक्रमण का प्रसार हो रहा है।
अधिकारियों के अनुसार बच्चे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनके लिए सामाजिक दूरी का पालन करना और लंबे समय तक मास्क पहने रहना कठिन हो गया है। उन्होंने कहा कि भले ही दस साल से कम उम्र के बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे हों, लेकिन वे अन्य बच्चों के साथ मैदानों और पार्कों में खेलते हैं।
कर्नाटक में शनिवार तक कोविड-19 के 2 हजार से अधिक नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर दस लाख तक पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इसी अवधि में राज्य में कोविड-19 के 13 मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद मृतक संख्या बढ़कर 12,484 हो चुकी है। कर्नाटक में लगातार चौथे दिन 2 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। गुरुवार को संक्रमण के 2,523 मामले दर्ज किए गए थे। विभाग ने बुलेटिन में कहा कि राज्य में 1,207 मरीजों को संक्रमणमुक्त होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे गई है।