भारत न सिर्फ अपने पड़ोसी देशों को मेडिकल सामग्री भेजकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद कर रहा है बल्कि भारत ( India ) ने बांग्लादेश मालदीव और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी चीन से निकालने में मदद की। भारत में जब चीन के वहां से भारतीय छात्रों और नागरिकों को लाने के लिए विशेष विमान भेजा तो उस विमान के जरिये पड़ोसी देशों को भी अपने नागरिकों को वापस लाने की पेशकश की और उस विमान के जरिये मालदीव और बांग्लादेश के नागरिक वापस हो आए।
राज्यसभा टिकट न मिलने पर गुजरात कांग्रेस के 2 विधायक हुए बागी, प्रदेश अध्यक्ष को सौंपा भारत में 14 मार्च तक कोरोना वायरस के 84 मामले सामने आए हैं और दो लोगों की अभी तक इस बीमारी से मौत हुई है लेकिन फिर भी भारत में कोरोना से निपटने की पूरी तैयारी है। इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्क देशों के साथ एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ नई रणनीति बनाने में भी जुट गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर तमाम सार्क देशों के प्रमुख इस मामले पर पुख्ता रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा भी करने जा रहे हैं। भारत में अपने पड़ोसी देशों को मेडिकल इक्विपमेंट्स के साथ ही कोरोना के खिलाफ हर मदद की पेशकश की है, उसी के तहत यह मदद मालदीव को पहुंचाई गई है।
Coronavirus: महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 31 मरीज, देश में अब तक 101 भारत कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ( Global Epidemic ) से निपटने के लिए अपने देश में तो लोगों के बचाने के लिए हर इंतजाम कर ही रहा है लेकिन इसके साथ-साथ भारत अपने पड़ोसी देशों का भी ख्याल रख रहा है। चीन के वहां से जब कोरोना फैलना शुरू हुआ और चीन को पूरी तरह से चपेट में ले लिया तब सबसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Pm Modi ) ने चीन के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हर मदद का भरोसा दिलाया था और उसके बाद भारत की तरफ से चीन को मदद के तौर पर सर्जिकल मास्क सैनिटाइजर ग्लोब्स के साथ ही मेडिकल इक्विपमेंट्स भी भेजे गए।