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नैजल वैक्सीन नाक के माध्यम से दी जाती है
जानकारी के अनुसार कोरोना की यह नैजल वैक्सीन नाक के माध्यम से दी जाती है। भारत बायोटेक के डॉ. कृष्णा इल्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी कंपनी ने वॉशिंगटन युनिवर्सिटी के साथ एक करार किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना की यह नैजल वैक्सीन अन्य वैक्सीन के मुकाबले कहीं ज्यादा असरदार होगी, यही वजह है कि इस वैक्सीन की केवल एक डोज ही पर्याप्त होगी। एक शोध में पाया गया कि नैजल वैक्सीन इंजेक्शन से दी जानी वैक्सीन से काफी बेहतर और असरदार होती है। डॉ. इल्ला ने बताया कि वैक्सीन का ट्रायल भुवनेश्वर-पुण-नागपुर-हैदराबाद में भी किया जाएगा।
नैजल वैक्सीन के अधिक कारगर
कोरोना की नैजल वैक्सीन के अधिक कारगर होने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि यह वायरस नाक के माध्यम से अधिक फैलता है। कोरोना की यह वैक्सीन नाक के माध्यम से ही दी जाती है। एक रिसर्च के अनुसार नाक के माध्यम से वैक्सीन दिए जाने पर बॉडी में इम्युन रिस्पॉन्स काफी बेहतर होता है। यह वैक्सीन नाक में किसी भी तरह के संक्रमण आने से रोकती है, जिससे यह शरीर में प्रवेश नहीं कर पाता। एक्सपर्ट का तो यहां तक कहना है कि कोरोना की नैजल वैक्सीन महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह वैक्सीन अन्य इंजेक्शन द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन के मुकाबले कम खतरनाक और सरलता से दी जाने वाली है। आपको बता दें कि अभी भारत में कोरोना वायरस की दो वैक्सीन कोविशिल्ड औ कोवैक्सीन को अनुमति दी गई है।