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एंबुलेंस नहीं मिली तो पत्नी-बच्चों समेत चार किमी पैदल चला Corona Patient, जानें फिर क्या हुआ

Coronavirus संकट के बीच Karnataka से आई मानवता को शर्मसार करने वाली खबर
गरीब Corona Patient को नहीं मिली Ambulance तो चार किमी तक पत्नी और बच्चों के साथ चला पैदल
CM House पहुंचकर लगाई मदद की गुहार, तब जाकर जागा प्रशासन

Jul 17, 2020 / 03:02 pm

धीरज शर्मा

Coronavirus in India

एंबुलेंस नहीं मिली तो चार किमी पैदल ही चला कोरोना का मरीज, साथ में थी पत्नी और गोद में बच्चे

नई दिल्ली। कोरोना काल ( Coronavirus ) में देशभर से दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। कहीं अस्पतालों में परेशानी तो कहीं अस्पताल में बेड ना मिलने से कोरोना मरीजों को कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। इसी बीच कर्नाटक के बेंगलूरु ( Bengaluru ) ने दिल दुखा देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल यहां कोरोना मरीज ( Corona Patient ) को एंबुलेंस ( Ambulance ) ना मिलने पर वो अपने परिवार समेत चार किमी तक पैदल चलने को मजबूर हुआ।
गरीब कोरोना मरीज के साथ ऐसा बर्ताव हुआ जिसने प्रशासन, स्वास्थ्य मंत्रालय और इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 32 वर्षीय एक कोरोना मरीज बीमारी की हालत में चार किमी तक सिर्फ इसलिए पैदल चला क्योंकि उसे अस्पताल ने एंबुलेंस देने से मना कर दिया।
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कर्नाटक के बेंगलूरु में उस वक्त हर कोई सिहर उठा जब एक कोरोना का मरीज बीमारी की हालत में गोद में बच्चों को लिए पत्नी के साथ चार किमी मीटर तक मदद मांगने के लिए चलता रहा।
गरीब बस ड्राइवर को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोई मदद ना मिलने के बाद ये शख्स बीमारी की हालत में सीएम हाउस पहुंचा।

ये है पूरा मामला
बेंलगूरु के बनशंकरी इलाके में रहने वाले एक बस ड्राइवर जिसका नाम शंकर की पिछले दिनों तबीयत बिगड़ने लगी। तबीयत बिगड़ने के चलते उसने अपना कोरोना टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट 16 जुलाई रात 9.30 बजे आई। इस रिपोर्ट में शंकर में संक्रमण की पुष्टि हुई।
संक्रमित होने पर शंकर को अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा गया, उसका घर कोविड सेंटर से काफी दूर था। उसने एंबुलेंस के लिए अस्पताल और हेल्प लाइन नंबर पर कॉल किया, लेकिन ना तो एंबुलेंस आई और ना ही उसका फोन हेल्प लाइन नंबर पर उठा।
शंकर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। एक कमरे के घर में शंकर पत्नी, 5 वर्षीय बड़े बेटे और 10 महीने की बच्ची के साथ रहता है।

खास बात यह है कि शंकर का बेटा भी बुखार से पीड़ित था। जब शंकर ने अस्पताल वालों को ये बताया तो वो बोले सबको लेकर आइए तो टेस्ट हो जाएगा।
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लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई एंबुलेंस नहीं आई, उसके बाद वो अपने पूरे परिवार को लेकर खुद ही बाहर निकला लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण किसी ने उसे और उसके परिवार को ऑटो में नहीं बैठाया।
लाचार होकर आखिर शंकर पैदल ही परिवार के साथ सड़क पर निकल पड़ा। करीब चार किलोमीटर पैदल चलने के बाद वो सीएम हाउस पहुंचा और वहां मौजूद गार्ड को सारी बात बताई। इसके बाद प्रशासन की नींद खुली और शंकर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

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