विविध भारत

Corona Lockdown 3.0: बंद पड़ी आवासीय फैक्ट्रियों को थमाए जा रहे बिजली के बिल, दिल्ली के गांवों ने मांगी राहत

गांवों में चल रही आवासीय इकाइयों को भेजे गए प्रोविजन बिल
कोरोना लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी हैं आवासीय इकाइयां

May 02, 2020 / 08:38 pm

Navyavesh Navrahi

कोरोना संकट के बीच व्यापारिक संस्थान बंद हैं। आवासीय क्षेत्रों की फैक्ट्रियां भी बंद हैं। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गांवों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बिजली बिलों के भुगतान से राहत देने की अपील की है, क्योंकि वे किसी भी आय से वंचित हैं। शाहपुर जाट ग्राम संघ ने सीमए अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। पत्र में 30 अप्रैल को वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के बिजली बिलों को वापस लेने और गांवों में और उसके आसपास आवासीय इकाइयों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी की घोषणा करने की मांग की गई है।
Coronavirus: पंजाब में स्कूल को बनाया 1000 बैड का आइसोलेशन केंद्र, कोरोना मरीजों का होगा इलाज

इकाइयों को भेजे गए प्रोविजन बिल

ग्राम समाज ने कहा कि भले ही दिल्ली में लगभग सभी वाणिज्यिक इकाइयां बंद हैं, बिजली कंपनियां शाहपुर जाट, मुनिरका, बेर सराय, किशनगढ़, महरौली और अन्य के निवासियों के लिए प्रोविजन बिल भेज रही हैं। सीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि- ‘एक महीने से अधिक समय तक बिजली की खपत नहीं होने पर बिजली कंपनियों को बिल जारी करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह एक तथ्य है कि ये इकाइयां किसी भी कामकाज को नहीं कर पा रही हैं और इसलिए उन्हें लॉकडाउन अवधि में कोई भी भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।’
coronavirus दिल्ली पुलिस ने कर्मचारियों और परिवारों को कोरोना से बचाने के लिए बनाई रणनीति

आवासीय इकाइयों ने बिल में मांगी 50% छूट

पत्र में कहा गया है कि- ‘मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर, हम मांग करते हैं कि दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों (शहरी और ग्रामीण दोनों) में स्थित आवासीय इकाइयों के लिए, सरकार को लॉकडाउन अवधि में बिजली बिलों पर 50 प्रतिशत छूट प्रदान करनी चाहिए।’
Lockdown 2: झारखंड में कोरोना के मद्देनजर सिगरेट, बीड़ी, पान-मसाला और खैनी-गुटखे पर बैन

किराया भी नहीं ले सकते

शाहपुर जाट समाज ने लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली वितरण कंपनियों की ओर से बिल जारी नहीं करने की भी मांग की है। शाहपुर गांव RWA (रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन) के कार्यकारी सदस्य अमन पंवार के मुताबिक- ‘एक तरफ सरकार हमसे किराया नहीं मांगने के लिए कह रही है और दूसरी तरफ हमें एसएमएस के माध्यम से वाणिज्यिक और आवासीय इकाइयों के लिए बिजली के बिल दिए जा रहे हैं।’
Lockdown2: पहले ‘चमकी’ और अब ‘कोरोना’ ने कम की बिहार की लीची की मिठास!

लॉकडाउन के बाद से आय हुई कम

उन्होंने कहा कि गांव में लगभग 95 प्रतिशत लोग अपनी व्यावसायिक इकाइयों या किरायेदारों से किराए पर निर्भर हैं। जब मालिक किरायेदारों से किराया मांगता है, तो पुलिस को बुला लिया जाता है। दिल्ली ग्रामीण समाज के सचिव अनिल ज्ञानचंदानी ने भी शाहपुर जाट की मांगों का समर्थन किया और कहा कि- ‘लॉकडाउन के बाद से, आवासीय इकाइयों से आय कम हो गई है, क्योंकि सरकार ने मालिकों को किरायेदारों से किराया मांगने से परहेज करने के लिए कहा है।’
Coronavirus: केंद्रीय मंत्री की बेटी ने 10 हजार फौजियों के लिए बनाए खादी के मास्क

सीएम को पत्र लिखकर मांगी राहत

ज्ञानचंदानी के अनुसार- उनके संगठन ‘दिल्ली ग्रामीण समाज’ ने भी केजरीवाल को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 380 गांवों (ज्यादातर शहरीकृत) के निवासियों को राहत देने की मांग की है। सरकार ने लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिए 17 मई तक बढ़ा दिया है।

संबंधित विषय:

Hindi News / Miscellenous India / Corona Lockdown 3.0: बंद पड़ी आवासीय फैक्ट्रियों को थमाए जा रहे बिजली के बिल, दिल्ली के गांवों ने मांगी राहत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.