मंदिर प्रशासन के मुताबिक, श्रद्धालुओं के लिए यह आदेश 24 अप्रैल से लागू होगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक, ज्यादातर श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए शनिवार और रविवार को ही आते हैं। यही वजह है कि इन दो दिनों में मंदिर को बंद रखने का फैसला लिया गया है, जिससे भीड़ नहीं हो और मंदिर को अच्छी तरह सैनिटाइज करने का समय भी मिल जाए।
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रथयात्रा पर लग सकता है ग्रहणमंदिर प्रशासन के अनुसार, यदि स्थिति नहीं सुधरी तो गत वर्ष की तरह इस साल भी भक्तों के बिना ही रथयात्रा आयोजित करनी पड़ेगी। तब यह उत्सव सीमित संसाधनों में आयोजित होगा। सेवकों को रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति भी तभी मिलेगी, जब वे अपनी आरटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाएंगे। यही नहीं, मंदिर में प्रवेश भी उन्हीं श्रद्धालुओं को दिया जाएगा, जो अपनी आरटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट साथ में ले आएंगे। इस रिपोर्ट के बिना मंदिर परिसर में उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यह रिपोर्ट अधिकतम चार दिन यानी 96 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के पास कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने की रिपोर्ट भी होना जरूरी है।
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राज्य में अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा केसबता दें कि राज्य में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के तीन हजार 108 नए केस सामने आए हैं। राज्य में अब कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढक़र तीन लाख 61 हजार 450 हो गई है। वहीं, बीते 24 घंटे में तीन मरीजों की इस महामारी की वजह से मौत भी हुई है। राज्य में अब तक इस महामारी से मरने वालों की संख्या एक हजार 938 हो गई है।