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डॉक्टर्स होम आईसोलेशन वाले कोरोना पेशेंट्स को दिन में तीन से चार बार पल्स ऑक्सीमीटर से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा नापने की सलाह देते हैं। इससे पता चलता है कि हमारे खून में मौजूद रेड ब्लड सेल्स कितनी ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट कर पा रही है। इसी रीडिंग के आधार पर डॉक्टर्स बताते हैं कि किसी व्यक्ति को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है या नहीं। यह भी पढ़ें
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कैसे काम करता है Pulse Oximeterएक पल्स ऑक्सीमीटर वास्तव में एक सेंसर की तरह काम करता है। यह स्किन पर लाइट डालता है, इससे ब्लड सेल्स के मूवमेंट और रंग की पहचान कर ब्लड में मौजूद ऑक्सीजन लेवल को एनालाइज करता है। इस तरह हमारे शरीर का ऑक्सीजन लेवल जाना जा सकता है। इसका प्रयोग आमतौर पर हाथों की ऊंगलियों में किया जाता है।
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