गोवा में बुधवार रात 8 बजकर 16 मिनट पर उन्होंने दुनिया को अलविदा कर दिया। ये जानकारी उनके बेटे समीर ने दी। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में किया जाएगा। सतीश शर्मा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे।
देश के इस राज्य में एक बार फिर बढ़ा कोरोना वायरस का खतरा, करीब दो महीने बाद सामने आए सबसे ज्यादा कोविड-19 के नए केस नरसिंहराव सरकार में बने पेट्रोलियम मंत्री
11 अक्टूबर, 1947 को आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में जन्मे कैप्टन सतीश शर्मा एक पेशेवर वाणिज्यिक पायलट थे. वह तीन बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। कैप्टन सतीश शर्मा ने लोकसभा में रायबरेली और अमेठी का प्रतिनिधित्व किया।
11 अक्टूबर, 1947 को आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में जन्मे कैप्टन सतीश शर्मा एक पेशेवर वाणिज्यिक पायलट थे. वह तीन बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। कैप्टन सतीश शर्मा ने लोकसभा में रायबरेली और अमेठी का प्रतिनिधित्व किया।
वहीं राज्यसभा में वे मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के जरिए पहुंचे। कैप्टन सतीश शर्मा 1993 से 1996 तक नरसिंह राव सरकार में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री थे। भावुक हुईं प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सतीश शर्मा के निधन पर भावुक हो गईं। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, ‘दिल से उदार, दोस्ती में दृढ़ और अंत तक वफादार… मैं आपको हमेशा याद करूंगी।’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सतीश शर्मा के निधन पर भावुक हो गईं। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, ‘दिल से उदार, दोस्ती में दृढ़ और अंत तक वफादार… मैं आपको हमेशा याद करूंगी।’
ऐसे बढ़ी राजीव से नजदीकी
कैप्टन सतीश शर्मा पेशे से पायलट थे, लिहाजा राजीव गांधी उन्हें अपने पायलट प्रोफेशन के दौर से ही जानते थे। वर्ष 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने। ऐसे में राजीव गांधी को एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी को देख सके।
कैप्टन सतीश शर्मा पेशे से पायलट थे, लिहाजा राजीव गांधी उन्हें अपने पायलट प्रोफेशन के दौर से ही जानते थे। वर्ष 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने। ऐसे में राजीव गांधी को एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी को देख सके।
लिहाजा उन्होंने सतीश शर्मा को ये जिम्मेदारी सौंपी। शर्मा ने पायलट की नौकरी छोड़कर इस जिम्मेदारी को निभाया और राजीव गांधी को सलाह देने वाली टीम का हिस्सा बन गए।
राजीव गांधी के पीएम रहते हुए उनके संसदीय क्षेत्र की सारी जिम्मेदारी कैप्टन सतीश शर्मा के कंधों पर ही रही। 80 के दशक के अंत तक कई कांग्रेस के दिग्गज नेता राजीव गांधी का साथ छोड़कर जाने लगे थे, लेकिन सतीश ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
राजीव गांधी के पीएम रहते हुए उनके संसदीय क्षेत्र की सारी जिम्मेदारी कैप्टन सतीश शर्मा के कंधों पर ही रही। 80 के दशक के अंत तक कई कांग्रेस के दिग्गज नेता राजीव गांधी का साथ छोड़कर जाने लगे थे, लेकिन सतीश ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
राजीव के निधन के बाद भी कांग्रेस ने अमेठी की जिम्मेदारी सतीश को ही सौंपी। देश के इन राज्यों में तूफानी हवाओं के बीच बारिश बढ़ा सकती है मुश्किल, मौसम विभाग ने जारी किया बड़ा अलर्ट
राहुल के प्रचार की कमान संभाली
राजीव से प्रागढ़ रिश्तों के साथ ही राहुल गांधी के शुरुआती राजनीतिक करियर में भी सतीश का खास रोल रहा। राहुल जब पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ रहे थे तो उनके चुनाव प्रचार की कमान भी कैप्टन सतीश ने ही संभाली थी।
राजीव से प्रागढ़ रिश्तों के साथ ही राहुल गांधी के शुरुआती राजनीतिक करियर में भी सतीश का खास रोल रहा। राहुल जब पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ रहे थे तो उनके चुनाव प्रचार की कमान भी कैप्टन सतीश ने ही संभाली थी।