दरअसल कोरोना काल के बीच कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ( Gurjeet Singh Ojla ) ने अपनी सांसद निधि से एक सरकारी अस्पताल को 1 करोड़ रुपए धन राशि दी थी। लेकिन इस राशि का दुरुपयोग होने के बाद इस मामले की जांच में हो रही देरी के बीच सांसद ने केंद्र सरकार को खत लिखा।
कोरोना संकट के बीच राज्य सरकारों ने लॉकडाउन और अनलॉक-2 को लेकर उठाया बड़ा कदम पंजाब में पीपीईटी किट की खरीद में धांधली का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में केंद्र सरकार ने भी दखल दिया है। इस दखल की वजह कांग्रेस सांसद की ओर से लिखी गई चिट्ठी है। इस खत के बाद केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से इस मामले की जांच में तेजी लाने को कहा है।
ये है पूरा मामला
कांग्रेस के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने अपनी निधि से अमृतसर के एक सरकारी अस्पताल को एक करोड़ रुपये दिए थे. जिसका इस्तेमाल निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) खरीदने में हुआ। सात लाख रुपये कीमत के PPE किट को 41 लाख रुपये में खरीदने का आरोप लगाया गया है। इस खरीद में धांधली के आरोप लगने और जांच में देरी को लेकर सांसद ने राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी पिछले सप्ताह पत्र लिखा था।
कांग्रेस के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने अपनी निधि से अमृतसर के एक सरकारी अस्पताल को एक करोड़ रुपये दिए थे. जिसका इस्तेमाल निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) खरीदने में हुआ। सात लाख रुपये कीमत के PPE किट को 41 लाख रुपये में खरीदने का आरोप लगाया गया है। इस खरीद में धांधली के आरोप लगने और जांच में देरी को लेकर सांसद ने राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी पिछले सप्ताह पत्र लिखा था।
कांग्रेस सांसद ने 16 जून को सीएम को लिखे पत्र में कहा कि- यह बहुत चिंता की बात है कि इस मुश्किल भरे दौर में भी मुनाफाखोरों ने हमें नहीं छोड़ा। किस तरह से अस्पताल प्रबंधन और अधिकारी जांच को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। मामले में दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
सांसद का आरोप है कि इस मामले की जांच कर रहे आईएएस अधिकारी का भी तबादला कर दिया गया है। पंजाब सरकार की ओर से की जा रही जांच से अंसुष्ट होने पर सांसद ने केंद्र को पत्र लिखा।
सांसद की शिकायत के बात केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कथित घोटाले की समयबद्ध तरीके से जांच करने के लिए कहा है। कई सालों बाद मानसून ने बदली अपनी चाल, देश के इन राज्यों में अगले दो दिन बारिश करेगी बुरा हाल
दरअसल अमृतसर के गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के स्टाफ ने अप्रैल में करीब 2000 पीपीई किट में खराबी बताते हुए इनके इस्तेमाल से इनकार कर दिया था। इसमें एन-95 मास्क भी शामिल नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की ओर से जिन किट के लिए 41 लाख रुपये का भुगतान करने की बात कही जा रही है, उनकी कीमत सात लाख रुपये से ज्यादा नहीं है। इतना ही नहीं इसमें एन-95 मास्क ही नहीं हैं।