कर्नल शर्मा की बेटी के साथ की फोटो और उनके किस्से तो कुछ यही बयां करते हैं कि शहीद आशुतोष शर्मा का पूरा संसार उनकी बेटी तमन्ना ( Tamanna ) में बसता था। कर्नल के साथी बताते हैं कि जब भी आशुतोष फ्री होतो तो वे अपनी बेटी के साथ बिताए पलों को याद करते रहते थे।
2025 में दोबारा लौटेगा कोरोना वायरस, जानिए वैज्ञानिकों ने क्यों दी ऐसी चेतावनी एनकाउंटर से पहले भी जब उन्होंने फोन पर अपनी बेटी से बात की तो इतना ही कहा जल्द ही अपना काम खत्म करके तुम्हारे पास आउंगा।
आशुतोष अक्सर अपने साथियों को बेटी के किस्से सुनाया करते थे। इसके साथ ही बेटी के साथ खिंचवाई फोटो भी अपने साथियों को दिखाते और बताते हैं मेरी पूरी दुनिया मेरी बेटी ही है।
बेटी के साथ आखिरी फोटो में भी वो पापा आशुतोष की गोद में बैठी है और दोनों बहुत खुश नजर आ रहे हैं। आखिरी बार दोनों ने जयपुर के ही एक पिज्जा आउटलेट पर फोटो खिंचवाई है।
बेटी की हर फरमाइश को भी करते थे साझा
आशुतोष के बेटी के प्रति लगाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने साथियों से उसकी फरमाइशों और उसकी ख्वाहिशों को भी साझा करते थे। जैसे तमन्ना को शॉपिंग में क्या पसंद है। जैसे उसे स्पोर्ट्स शूज का शौक, छुट्टियों में कहां घूमने जाना है इसका प्लान और एनिमेशन फिल्मों के प्रति उसकी दीवानगी तक को वो अपने साथियों के बीच साझा करते थे।
आशुतोष के बेटी के प्रति लगाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने साथियों से उसकी फरमाइशों और उसकी ख्वाहिशों को भी साझा करते थे। जैसे तमन्ना को शॉपिंग में क्या पसंद है। जैसे उसे स्पोर्ट्स शूज का शौक, छुट्टियों में कहां घूमने जाना है इसका प्लान और एनिमेशन फिल्मों के प्रति उसकी दीवानगी तक को वो अपने साथियों के बीच साझा करते थे।
लेकिन उस दौरान हम आशुतोष की ऐसी बातों पर ज्यादा गौर नहीं करते और हंस देते थे और बताते हैं कि यहां (हंदवाड़ा) में कोई थिएटर नहीं है। वे जब भी तमन्ना से फोन पर बात करते तो उससे कई सारे वादे करते थे।
जितना प्यार अपनी बेटी तमन्ना से करते थे उससे भी ज्यादा वो अपनी ड्यूटी को चाहते थे। यही वजह है कि पिछले 6 महीने में कोई ठीक से सोए नहीं थे। लेकिन जब ठीक से सोए तो हंदवाड़ा को आतंकियों से मुक्त करने के बाद ही चैन की सांस ली।
उनके साथी बताते हैं कि जब भी एनकाउंटर में आगे जाने की बात होती तो वे सबसे पहले सामने आते थे। अपने सैनिकों की सलामती को वह हमेशा प्राथमिकता देते थे। आशुतोष की पार्थिव देह सोमवार को जयपुर पहुंचेगी। यहीं उनको मुखाग्नि दी जाएगी। जयपुर में उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी तमन्ना के अलावा बुजुर्ग मां, भाई-भाभी और एक बहन भी हैं।
होली पर दिया था सरप्राइज
कर्नल आशुतोष की पत्नी पल्लवी बताती हैं कि ‘वह पिछले साल होली पर हमसे मिलने आए थे। अचानक आकर उन्होंने हम सभी को चौंका दिया था। ये उनकी सरप्राइज विजिट थी। मैं यह नहीं सुनना चाहती कि लोगों को उनके शहीद होने का दुख है। मुझे उनपर गर्व है।
कर्नल आशुतोष की पत्नी पल्लवी बताती हैं कि ‘वह पिछले साल होली पर हमसे मिलने आए थे। अचानक आकर उन्होंने हम सभी को चौंका दिया था। ये उनकी सरप्राइज विजिट थी। मैं यह नहीं सुनना चाहती कि लोगों को उनके शहीद होने का दुख है। मुझे उनपर गर्व है।
आपको बता दें कि 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अधिकारी कर्नल आशुतोष शर्मा को दो बार वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।