मानसून की भारी बारिश ( Heavy Rainfall ) के बीच पर्टयन क्षेत्र भागसू में सोमवार सुबह बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। देखते ही देखते छोटे से नालों ने उफनती नदियों का रूप धारण कर लिया। बाढ़ से भागसू का नाला ओवरफ्लो हो गया. इस नाले में उफान आनेक के कारण तेज धारा में कई लग्जरी वाहन बह गए।
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बारिश से कुछ राहत, राजस्थान में रविवार को आ जाएगा मानसून, यहां होगी तेज बरसात देश के कुछ इलाकों में जहां मानसून का बेसब्री से इंतजार तो है तो कुछ इलाके ऐसे भी जहां मानसून की बारिश ने कहर बरपा दिया है। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला इलाके में तेज बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने कोहराम मचा दिया है।
भागसू इलाके में आई बाढ़ में कई कारें और लग्जरी गाड़ियां देखते ही देखते बहली नजर आईं। खास बात यह है कि जिस इलाके में बाढ़ आई है, वहां नाले के साथ दोनों ओर कई होटल भी लगते हैं।
बादल फटने से इन होटलों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं, स्थानीय लोग बादल फटने और उसके बाद नदी-नालों में ऊान आने के कारण सहमे हुए हैं। भागसू में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मानसून के इस रौद्र रूप की जो तस्वीरें सामने आई उसे देखकर हर कोई दंग रह गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है पानी का तेज बहाव गाड़ी को बहाते हुए ले जा रहा है।
लगातार जारी है बारिश
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में रविवार से ही बारिश का सिलसिला जारी है। देर रात से तो कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश शुरू हो गई जिसने सुबह तक रौद्र रूप ले लिया।
सोमवार को लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन भारी बारिश से कई जगह से नुकसान की खबरें भी सामने आ रही हैं। कई इलाकों में नदी नाले अब भी उफान पर हैं। मैक्लोडगंज की बात करें तो यहां के भागसू नाग के पास नाले में भारी पानी के की वजह से पार्किंग में खड़ी गाड़ियां ही बह गईं।
यह भी पढ़ेेंः मौसम विभाग का यूपी के कई जिलों में पूरे हफ्ते झमाझम बारिश का अलर्ट चंबा में भी फटे थे बादलदरअसल हिमचाल प्रदेश के चंबा में भी हाल में फादल फटने की घटना सामने आई। यहां मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी। सड़कों के साथ ही कई कारें भी क्षतिग्रस्त हो गई थीं। हालांकि, किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं थी।
याद आ गया चमोली वाला हादसा
हिमाचल में बादल फटने की घटना से लोगों के जहन में उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की घटना ताजा हो गईं। यहां 7 फरवरी 2021 को हुए इस हादसे में काफी नुकसान हुआ था।
ग्लेशियर फटने के बाद चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में बाढ़ आ गई थी। इससे एनटीपीसी की तपोवन जल विद्युत परियोजना पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी। इस परियोजना से जुड़ी सुरंग में फंसकर काफी संख्या में लोग मारे गए थे।