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DCGI ने सिपला को मॉडर्ना वैक्सीन के आयात की दी मंजूरी, सरकार जल्द कर सकती है घोषणा

भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने मंगलवार को सिपला को मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आयात करने की मंजूरी दे दी है।

Jun 29, 2021 / 05:51 pm

Anil Kumar

Cipla gets DCGI nod for import of Moderna COVID-19 Vaccine

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के इस प्रकोप से निपटने के लिए देशभर में तेजी के साथ टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। लेकिन कई राज्यों के कुछ जगहों पर वैक्सीन की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान में रुकावटें आ रही हैं। हालांकि, सरकार हर रुकावट को दूर करने की कोशिश लगातार कर रही है। अब इसी कड़ी में भारत को बहुत जल्द एक और वैक्सीन मिल सकती है।

दरअसल, मंगलवार को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने फार्मास्यूटिकल कंपनी सिपला को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन को आयात करने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि भारत में अभी कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी का टीका लगाया जा रहा है। मॉडर्ना का टीका भारत में उपलब्ध होने वाला कोविड-19 का चौथा टीका होगा।केंद्र सरकार जल्द इसकी घोषणा कर सकती है।

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सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है ‘‘ड्रग्स ऐंड कॉस्मेटिक्स एक्ट,1940 के तहत नई औषधि एवं क्लिनिकल परीक्षण नियम 2019 के प्रावधानों के मुताबिक डीसीजीआई ने सिप्ला को देश में सीमित आपात उपयोग के लिए मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन का आयात करने की अनुमति दी है।’’

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कोवैक्स के जरिए भारत को मिलेगी वैक्सीन

मालूम हो कि भारत को संयुक्त राष्ट्र की ‘कोवैक्स’ पहल के जरिए मॉडर्ना की वैक्सीन मिलेगी। मॉडर्ना ने इस संबंध में 27 जून को डीसीजीआई को एक पत्र लिखा, जिसमें ये सूचना दी गई कि अमरीकी सरकार ‘कोवैक्स’ के जरिए भारत सरकार को दान में वैक्सीन देने के लिए सहमत है। इसके लिए उसने केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मांगी है। बता दें ‘कोवैक्स’ कोविड-19 के टीके के दुनियाभर में न्यायसंगत वितरण के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक वैश्विक पहल है।

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मॉडर्ना की ओर से पत्र लिखे जाने के बाद सोमवार को सिपला ने अमरिकी फार्मा कंपनी की ओर से इन टीकों के आयात और विपणन का अधिकार देने के लिए औषधि नियामक से अनुरोध किया था। उसने 15 अप्रैल और एक जून के डीसीजीआई की नोटिस का हवाला दिया था।

डीसीजीआई की नोटिस में कहा गया था कि यदि टीके को आपात उपयोग अधिकार (EUA) के लिए अमरीकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) द्वारा अनुमति दी जाती है, तो टीके को बिना ‘ब्रिजिंग ट्रायल’ के मार्केटिंग का अधिकार दिया जा सकता है। साथ ही यह भी कहा गया था कि वैक्सीन की हर खेप को केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल), कसैली से जांच कराने की जरूरत से छूट मिल सकती है।

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