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चीन की धोखेबाजी से सावधान, पेट्रोलिंग 14 चौकी से अब तक नहीं उखाड़े टेंट!

लद्दाख ( Ladakh Border issue ) की अग्रिम चौकियों का आर्मी चीफ जनरल नरवणे ( Army Chief General MM Naravane ) ने किया दौरा।
मुंहतोड़ जवाब ( india-china dispute ) देने वाले भारतीय जवानों को सम्मानित करते हुए ‘प्रशस्ति पत्र’ भी दिए।

Chinese tents still there

अनुराग मिश्रा।
नई दिल्ली। चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ एमएम नरवणे ( Army Chief General MM Naravane ) ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख ( Ladakh Border issue ) की कई अग्रिम चौकियों का दौरा किया है। जनरल नरवणे ने अग्रिम इलाकों की चौकियों मैं सैन्य व्यवस्था, सेना की तैयारियों को लेकर ग्राउंड कमांडर्स से लंबी बातचीत ( india china talks ) की। जनरल नरवणे ने चार अग्रिम क्षेत्रों में सैन्य तैयारियों को लेकर की जा रही ड्रिल को देखा और जवानों के हौसले को सराहा। यहां चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ ने तैनात सैनिकों से बातचीत भी की।
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थल सेनाध्यक्ष नरवणे ने चीन के सैनिकों के साथ संघर्ष ( india-china dispute ) के दौरान दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने वाले भारतीय जवानों को सम्मानित भी किया। वहीं, बीते 15 जून को देशभक्ति और जांबाज़ी का परिचय देने के लिए कई सैनिकों को ‘प्रशस्ति पत्र’ भी प्रदान किया।
सैनिकों की तैयारियों का जायज़ा लेने के दौरान जनरल नरवणे के साथ उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना के बटालियन कमांडर और ग्राउंड कमांडर्स मौजूद रहे।
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पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति और परिचालन संबंधी तैयारियों के बारे में त्रिशूल डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग द्वारा सेना प्रमुख को जानकारी दी गई। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के साथ जनरल नरवणे ने फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के मुख्यालय का दौरा किया।
सूत्रों के मुताबिक़ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 को लेकर मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर भी बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक़ जिस पेट्रोलिंग प्वाइंट को लेकर 15 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष ( india china standoff galwan valley ) हुआ था चीन ने वहां से अब तक अपने टेंट नहीं उखाड़े हैं। सेना प्रमुख को संभवत: इस बात की भी खुफिया जानकारी दी गई है।
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ताजा जानकारी के मुताबिक चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भी अभी निर्माण जारी रखे हुए है। सूत्र के मुताबिक बताया, “पैंगोंग त्सो झील के किनारे उंगली क्षेत्र में चीन, सैनिकों की तैनाती और निर्माण जैसी सैन्य गतिविधियों में लगा हुआ है।” सूत्रों के मुताबिक चीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को आक्रामक तरीके से अपने नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहा है। गलवान घाटी में चीनियों ने अपने कुछ ढांचे बना लिए हैं।
बातचीत का दौर जारी इससे पहले सोमवार को भारत और चीन के बीच मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की दूसरी बैठक हुई। गौरतलब है कि बीते 15-16 जून की दरम्यानी रात गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना ( Chinese Army ) के जवानों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, तमाम रिपोर्टों और सूत्रों में दावा किया गया है कि इस झड़प में चीन के भी तकरीबन 40 जवान मारे गए थे। हालांकि चीन ने अपने सैनिकों की मौत को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं।

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