नई दिल्ली। सरकार के चीन से लगती सीमा पर अतिक्रमण में कमी के दावों के बीच चीनी सैनिकों ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश के कामेंग जिले के यांगत्से क्षेत्र में भारतीय सीमा का अतिक्रमण किया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, चीन के लगभग ढाई सौ सैनिक गत नौ जून को भारतीय सीमा में घुस आए। चीनी सैनिक चार दलों में बंटे थे और ये लगभग तीन घंटे तक भारतीय सीमा में रहे। भारतीय सैनिकों के विरोध के बाद चीनी सैनिक अपनी सीमा में लौट गए। इस साल की पहली घटनाचीन अरुणाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्से पर अपना दावा करता रहा है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन से लगती सीमा का निर्धारण नहीं होने के कारण कई बार चीन के सैनिक भारतीय क्षेत्र में चले आते हैं, लेकिन भारतीय सैनिकों के विरोध के बाद वे वापस चले जाते हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में चीनी सेना के भारतीय सीमा के अतिक्रमण की इस वर्ष यह पहली घटना है। यह अतिक्रमण राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की हाल की चीन यात्रा के पन्द्रह दिन के अंदर हुआ है। तो क्या भारत-अमरीका संबंधों से भड़का चीनरक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी तीन दिन पहले ही दावा किया था कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण चीन की ओर से सीमा के अतिक्रमण की घटनाओं में कमी आई है। अतिक्रमण की यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत अमरीका के समर्थन के बल पर प्रतिष्ठित परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने की कोशिशों में लगा है जबकि चीन इसका विरोध कर रहा है। चीन के अतिक्रमण को ध्यान में रखते हुए यांगत्से क्षेत्र में भारतीय सैनिकों का भारी जमावड़ा रहता है। क्या है विवादभारत और चीन के बीच विवादित इलाका 4000 किलोमीटर का है। लेकिन चीन का कहना है कि सीमा विवाद वाला क्षेत्र महज 2000 किलोमीटर का है। इसकी वजह यह है कि पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में से अक्साई चीन को चीन के ही सुपुर्द कर दिया है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है।