विविध भारत

India-China Dispute: सैनिकों की Bulletproof Jackets के निर्माण में Chinese Material का इस्तेमाल

Galwan Valley में India-Chinese Army के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद LAC पर तनाव
Indian Ministry of Defense ने कंपनियों को 2 लाख Bulletproof jackets का आदेश दिया

Jun 21, 2020 / 04:08 pm

Mohit sharma

India-China Dispute: सैनिकों की Bulletproof Jackets के निर्माण में Chinese Material का इस्तेमाल

नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी ( galwan valley ) में भारत और चीनी सेना ( India and Chinese Army ) के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद LAC पर तनाव बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि भारत ने वर्तमान परिस्थितियों को भांपते हुए भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस क्रम में भारतीय रक्षा मंत्रालय ( Indian Ministry of Defense ) ने रक्षा क्षेत्र से जुड़ा सामान बनाने वाली कंपनियों को 2 लाख बुलेटप्रूफ जैकेट्स ( Bulletproof jackets ) और प्रोटेक्टिव गियर ( Protective gear ) बनाने का आदेश दिया है। इस कदम के पीछे सरकार का मकसद लद्दाख में फॉरवर्ड बेस के साथ लेह तक सैनिकों के पर्याप्त सामग्री yका भेजना है।

Delhi में अब Home Quarantine हो सकेंगे Corona Positive, LG ने वापस लिया आदेश

इस बीच इन रक्षा सामग्री को तैयार करने वाली सामग्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, भारत में फिलहाल ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैकचर्स (OEM) रक्षा उत्पाद एसेंबल करने में चीनी रॉ मटेरियल का प्रयोग होता है। इनमें से कुछ कंपनियों को 2017 में 1 लाख 86 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट्स तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। इन जैकेट्स का निर्माण फिलहाल अंतिम चरण में है। आपको बता दें कि सरकार की ओर जब इन कंपनियों को ऑर्डर मिला था, उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस संबंध में संसद में बयान दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि सेना के लिए सुरक्षा उपकरण बनाने में चीन से होने वाले कच्चे माल के आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

Shivsena की केंद्र से अपील- Galwan Valley पर दावे के लिए China को जवाब दे India

gh.png

Mumbai की Marine Drive पर उठ रही High tides, समुंदर किनारे जाने पर लगी रोक

अब चूंकि भारत—चीनी सैनिकों में झड़प के बाद परिस्थितियों में बदलाव आया है तो ऐसे में सरकार पर चीनी उत्पादों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दबाव बढ़ा है। नीति आोग के सदस्य और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वीके सारस्वत ने इस संबंध में पुर्नविचार करने का आश्वासन दिया है। सारस्वत ने कहा कि पिछले साल हमने चीनी से होने वाले कच्चे माल के आयात को घटाने का प्रयास किया है। इसकी एक वजह यह भी है कि चीनी सामान की क्वालिटी संदेह के दायरे में आती है। उन्होंने कहा कि हमने पहले से ही कॉन्ट्रैक्ट वाली कंपनियों को चीनी कच्चे माल की क्वालिटी चेक करने को कहा है।

Hindi News / Miscellenous India / India-China Dispute: सैनिकों की Bulletproof Jackets के निर्माण में Chinese Material का इस्तेमाल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.