कहा जा रहा है कि नक्सलियों ने यह हमला अचानक अंजाम नहीं दिया, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया है। इस बर्बर हमले के पीछे टॉप नक्सल कमांडर हिडमा के हाथ होने की बात कही जा रही है। इससे पहले कई निर्मम हत्याओं और बर्बर हमलों के लिए हिडमा कुख्यात है।
कौन है कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा
आपको बता दें कि इस बर्बर हमले में जिस कुख्यात नक्सली हिडमा का नाम सामने आ रहा है, उसकी उम्र करीब 40 साल है। वह सुकमा जिले के पुवार्ती गांव का रहने वाला है। बताया जाता है कि हिडमा ने 90 के दशक में नक्सली हिंसा का रास्ता चुना और तब से लेकर अब तक कई निर्मम हत्याएं कर चुका है, तो वहीं कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिडमा माओवादियों की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीजीएलए) बटालियन-1 का प्रमुख है। इतना ही नहीं, वह माओवादी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का भी सदस्य है। साथ ही सीपीआई (माओवादी) की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का युवा सदस्य है। हिडमा इस तरह के घातक हमले करता रहता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि हिडमा को माओवादियों के मिलिट्री कमीशन का चीफ भी नियुक्त किया गया है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सका है। हिडमा काफी लंबे समय से अंडरग्राउंड है। ऐसे में उसकी हाल की कोई भी तस्वीर नहीं है।
हिडमा के सिर पर 40 लाख का इनाम घोषित है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भीम मांडवी की हत्या के मामले हिडमा के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है। हिडमा की टीम में 180-250 नक्सली हैं, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। हिडमा के साथ-साथ उनकी टीम के पारस एके-47 जैसे खतरनाक हथियार हैं।
बता दें कि नक्सलियों ने अप्रैल 2019 में भाजपा विधायक भीमा माडवी, उनके ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी। मालूम हो कि अप्रैल 2010 में नक्सलियों ने तडमेटला में एक बड़े हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 76 जवान शहीद हो गए थे।