बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में स्थित मंदिरों के पुरोहितों को ही अनुष्ठान और पूजा करने की अनुमति रहेगी। कोरोना महामारी के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। देश के कई राज्यों में हालात चिंताजनक हैं। नाइट कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन तक तमाम कड़ी पाबंदियां लगाई जा रही हैं ताकि कोरोनी की बढ़ती रफ्तार पर ब्रेक लगाया जा सके। यही वजह है कि धार्मिक यात्रों को रद्द किया जा रहा है।
इसी कड़ी में अब चार धामा यात्रा को भी रद्द कर दिया गया है।
देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अगले महीने 14 मई से शुरू होने वाली थी। दरअसल हर वर्ष उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा की जाती है और इसमें लाखों की तादाद में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन 14 मई से यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने से इस यात्रा की शुरुआत होना थी। 14 मई को यमनोत्री के साथ-साथ गंगोत्री मंदिर के भी कपाट खुलना थे। जबकि 17 मई को केदारनाथ मंदिर के कपात और 18 मई को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने थे, लेकिन अब यात्रा रद्द होने के चलते कपाट तो खुलेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं जाने की अनुमित नहीं होगी।
पिछले वर्ष भी पड़ा था असर
पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हालांकि इसके बाद राज्य सरकार ने जुलाई से श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा शुरू की थी। इस दौरान श्रद्धालुओं के सामने कोरोना से जुड़ी खास पाबंदियां लागू की गई थीं, जिनके पालन के साथ ही यात्रा में शामिल होने की मंजूरी थी।
उत्तराखंड सरकार की ओर से चार धाम यात्रा कैंसल किए जाने के बाद इसका सीधा असर उन यात्रियों पर भी पड़ेगा जिन्होंने पहले से ही बुकिंग करवा ली थी। दरअसल आईआरसीटीसी की ओर से चार धाम यात्रा का पैकेज भी दिया जा रहा था। जिसके तहत 11 से 12 दिन के टूर पैकेज के लिए दिल्ली से प्रति व्यक्ति 43,850 रुपए का किराया तय किया गया था।
हालांकि कोरोना के चलते इस बार बुकिंग पहले ही ना के बराबर हो रही थी, अब तो जिन्होंने करवाई भी होगी उनकी भी कैंसल की जाएंगी।