नासा अपने एलआरओ को चांद के दक्षिण ध्रुव के उसी हिस्से से ले जाएगा जहां चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी। खास बात यह है कि अमरीका के साथ-साथ इस घटना पर अन्य देशों की नजरें भी बनी रहेंगी। इनमें चीन प्रमुख रूप से शामिल है।
मौसम को लेकर वैज्ञानिकों ने जारी किया अब तक का सबसे बड़ा अलर्ट, इन राज्यों में आ रहा है चक्रवाती तूफान, बढ़ेगी ठंड इसरो के एक अधिकारी के मुताबिक चंद्रयान-2 की कामयाबी के लिए लैंडर विक्रम से संपर्क होना बहुत जरूरी है। नासा के एलआरओ की ओर से एक बार फिर कोशिश की जा रही है। उम्मीद इस बार तस्वीरें पहले से ज्यादा साफ और अच्छी आएंगी।
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है वहां पर पर्याप्त रोशनी, जिसकी पिछली बार कमी देखने को मिली थी। दरअसल 17 सितंबर को जब नासा ने अपने एलआरओ को भेजा था चांद के उस हिस्से में अंधेरा बढ़ रहा था। ऐसे में जो तस्वीरें सामने आई थीं उनमें लैंडर विक्रम एक छाया वाले हिस्से में दिखाई दे रहा था। हालांकि नासा ने इसकी पुष्टि नहीं की थी।
लेकिन नासा की तस्वीरों के आधार पर कुछ लोगों और स्पेस विशेषज्ञों ने दावा किया था इन तस्वीरों में लैंडर विक्रम साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। इतना बचा है वक्त आपको बता दें कि लैंडर विक्रम से संपर्क को लेकर अब वक्त काफी कम बचा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि एक बार फिर चांद पर शाम होने वाली है। इसके बाद 21 अक्टूबर तक वहां काली घनी रात का साया मंडराने लगेगा।
एक नासा ने की है ये तैयारी
नासा एक बार फिर उसी जगह से गुजरने की तैयारी की है। इस बार भी हाई रिज्योल्यूशन कैमरे की मदद से उस जगह की तस्वीरें सामने लाई जाएंगी जहां लैंडर विक्रम मौजूद है।
नासा एक बार फिर उसी जगह से गुजरने की तैयारी की है। इस बार भी हाई रिज्योल्यूशन कैमरे की मदद से उस जगह की तस्वीरें सामने लाई जाएंगी जहां लैंडर विक्रम मौजूद है।
सोलर पैनल कर रहे काम
माना जा रहा है सूर्य की रोशनी पड़ने के साथ लैंडर विक्रम में मौजूद सोलर पैनल काम करने लगे हैं। हालांकि रेडियो फ्रिक्वेंसी भी लगातार भेजी जा रही हैं ताकि जल्द से जल्द संपर्क स्थापित किया जा सके, लेकिन अब तक लैंडर विक्रम की तरफ से कोई सिग्नल नहीं मिला है।
माना जा रहा है सूर्य की रोशनी पड़ने के साथ लैंडर विक्रम में मौजूद सोलर पैनल काम करने लगे हैं। हालांकि रेडियो फ्रिक्वेंसी भी लगातार भेजी जा रही हैं ताकि जल्द से जल्द संपर्क स्थापित किया जा सके, लेकिन अब तक लैंडर विक्रम की तरफ से कोई सिग्नल नहीं मिला है।
ऑर्बिटर ने भेजी तस्वीरें
इससे पहले इसरो के ऑर्बिटर ने जो तस्वीरें भेजी थी उन पर भी इसरो विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है। बताया जा रहा इन तस्वीरों और नई तस्वीरों को लेकर भी जल्द कुछ खुलासे हो सकते हैं।
इससे पहले इसरो के ऑर्बिटर ने जो तस्वीरें भेजी थी उन पर भी इसरो विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है। बताया जा रहा इन तस्वीरों और नई तस्वीरों को लेकर भी जल्द कुछ खुलासे हो सकते हैं।