विविध भारत

चंद्रयान-2: इसरो को मिली बड़ी सफलता, हाथ लगी सबसे अहम जानकारी

Chandrayaan2 इसरो के लिए आ गई सबसे अच्छी खबर
दशहरे से पहले ही मिशन चंद्रयान-2 को मिली बड़ी कामयाबी
पांच खास चीजों मिलने से चौंक गई पूरी दुनिया

Oct 07, 2019 / 04:02 pm

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ( ISRO ) को आखिरकार बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। चंद्रयान-2 ( Chandrayaan2 ) के हाई रिजोल्यूसन कैमरे ने जो तस्वीरें भेजी हैं। उसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं। खास बात यह है कि इन तस्वीरों के साथ ही इसरो को इस बात की उम्मीद भी बढ़ गई है कि लैंडर विक्रम से किसी भी वक्त संपर्क हो सकता है।
लैंडर विक्रम से संपर्क को लेकर पहले ही वैज्ञानिकों ने खुलासा कर दिया था कि चांद की सतह पर रोशनी बढ़ने के साथ ही यहां उम्मीदें भी बढ़ जाएंगी। क्योंकि लैंडर विक्रम में लगे सोलर पैनल एक बार फिर काम करना शुरू कर देंगे और इसी के साथ उसमें मौजूद रोवर प्रज्ञान अपना काम करना शुरू कर देंगा।
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चंद्रयान टू के ओएचआरसी यानि ऑर्बिटर हाई रिजोल्यूशन कैमरे ने चांद की सतह की तस्वीरें खींची है।
इस तस्वीरों में आप चांद की सतह पर गढ्ढे होने का तो खुलासा हुआ ही है साथ ही कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी हाथ लगी हैं, जिनके लिए मिशन चंद्रयान-2 शुरू किया गया था।

चंद्रयान-2 इसरो के पास पहुंची ऐसी जानकारी कि कुछ घंटों में ही आ सकती है बड़ी खुशखबरी
इन पांच चीजों की मौजूदगी ने चौंकी दुनिया
ऑर्बिटर ने चांद पर सोडियम, कैल्शियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम और आयरन की मौजूदगी का पता लगाया है। इसरो ने बताया कि ऑर्बिटर में मौजूद 8 पेलोड ने आवेशित कणों और इसकी तीव्रता का भी पता लगाया है।
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दशहरे के बाद आएगी अच्छी खबर
आपको बता दें कि लैंडर विक्रम से संपर्क को लेकर अब कोशिशें और भी तेज हो गई हैं। इसरो ने जहां चंद्रयान-2 मिशन को दोबारा शुरू कर दिया है वहीं दुनिया अन्य स्पेस एजेंसियां जिनमें नासा भी शामिल है वो भी बड़ी रणनीति के साथ लैंडर विक्रम से संपर्क में जुटी हैं।
इसके लिए नासा दशहरे के बाद और दिवाली से पहले बड़ी कोशिश करने जा रहा है।

17 अक्टूबर को दोबारा नासा का ऑर्बिटर उस क्षेत्र से गुजरेगा जहां लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी।
इस बार तस्वीरें और करीब से ली जाएंगी। ताकि किसी भी तरह भी संभावना ना रह जाए।

माना जा रहा है इस बीच सौर्य ऊर्जा भी लैंडर विक्रम से संपर्क में सहायक होगी, क्योंकि नासा की ओर से लैंडर विक्रम पर रेडियो फ्रिक्वेंसी भेजी जा रही हैं, ये फ्रिक्वेंसी लैंडर विक्रम के चार्ज होते ही रिसीव होने लगेंगी और लैंडर विक्रम इसका जवाब भी भेज सकता है।

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