आपको बता दें कि सबसे बड़ी कोशिश तो दुनिया का सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा करने जा रही है। नासा पहले ही ये बात सबको बता चुका है कि 17 अक्टूबर यानी आने वाले 8 दिन में वो दोबारा लैंडर विक्रम को खोजने में जुटेगा।
चंद्रयान-2 इसरो को मिल रहा है सकारात्मक संकेत, चांद की सतह पर हो रही है हलचल हार्ड लैंडिंग वाली जगह पर पहुंचेगा नासा
नासा के मुताबिक 17 अक्टूबर को एक बार फिर कोशिश शुरू होगी लैंडर विक्रम से संपर्क बनाए जाने की। क्योंकि इसके बाद तीन दिन बाद एक बार फिर चांद पर शाम का साया हो जाएगा।
नासा के मुताबिक 17 अक्टूबर को एक बार फिर कोशिश शुरू होगी लैंडर विक्रम से संपर्क बनाए जाने की। क्योंकि इसके बाद तीन दिन बाद एक बार फिर चांद पर शाम का साया हो जाएगा।
आपको बता दें कि नासा इससे पहले चांद के दक्षिण ध्रुव पर चक्कर लगा चुका है। इस चक्कर के दौरान नासा ने उस क्षेत्र से भी गुजरा जहां लैंडर विक्रम की लैंडिंग हुई थी। हालांकि उस दौरान शाम हो जाने से नासा की तस्वीरें साफ नहीं आई थीं, लेकिन इतना जरूर पता चल गया था कि लैंडर विक्रम वहां मौजूद है।
तेजी से बदल रही मौसम की चाल, हाड़ कंपाने वाली ठंड के साथ लौट रहा मानसून चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के अलावा नासा के लूनर यान ने भी उस जगह की तस्वीरें खींची हैं, जहां पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी।
हालांकि, लूनर यान के तस्वीरें खीचने से पहले चांद के उस हिस्से पर अंधेरा छाने लगा था। इस वजह से लूनर ने उस जगह की तस्वीरें तो ले लीं, लेकिन वह लैंडर विक्रम की फोटो खींचने में असफल रहा।