क्या आप जानते हैं कि उन्हें कितनी सैलरी मिलती है? उनका जन्म कहां हुआ और वो कैसे इतने बड़े वैज्ञानिक बने। आइए आज आपको बताते हैं। चंद्रयान-2 को लेकर आई खुशखबरी, लूनर में सही जगह काम कर रहा ऑर्बिटर, अब कभी भी भेज सकता है
इस दिन बने थे ISRO के चीफ
सिवन को 10 जनवरी 2018 में बतौर इसरो चीफ नियुक्त किया गया था। के. सिवन का पूरा नाम डॉ. कैलासावडिवू सिवन पिल्लई है। वह 62 साल के हैं। उनका जन्म 14 अप्रैल 1957 को तमिलनाडु में हुआ था।
सिवन को 10 जनवरी 2018 में बतौर इसरो चीफ नियुक्त किया गया था। के. सिवन का पूरा नाम डॉ. कैलासावडिवू सिवन पिल्लई है। वह 62 साल के हैं। उनका जन्म 14 अप्रैल 1957 को तमिलनाडु में हुआ था।
इतना वेतन पाते हैं सिवन
इसरो चीफ के तौर पर के सिवन को हर माह करीब 2.5 लाख रुपए की सैलरी मिलती है। इसरो चीफ को एक आईएएस या आईपीएस वाला ओहदा हासिल होता है।
इसरो चीफ के तौर पर के सिवन को हर माह करीब 2.5 लाख रुपए की सैलरी मिलती है। इसरो चीफ को एक आईएएस या आईपीएस वाला ओहदा हासिल होता है।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो पिछले कई दशकों से देश का गौरव बना हुआ है। दुनिया भर में इसकी एक अलग ही प्रतिष्ठा है।चेयरमैन से अलग इसरो के बाकी वैज्ञानिकों को करीब 55,000 से लेकर 90,000 तक का वेतन मिलता है।
इसके अलावा उनके काम के घंटे भले ही सुबह नौ बजे से लेकर शाम पांच बजे तो हों लेकिन इतने समय में उन्हें कई चुनौतीपूर्ण मिशन का खाका तैयार करना होता है। इसरो चेयरमैन के सिवन पर संगठन को लेकर कई अहम जिम्मेदारियां हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर विभाग में काम-काज सही तरह से चलता रहे। स्पेस कमीशन की नीतियों को लागू करने के अलावा वित्तीय और प्राशसनिक जिम्मेदारियों को भी पूरा करना सिवन का ही काम है।
सिवन बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका बचपन गरीबी में बीता। उनकी पिता एक किसान थे। उनकी स्कूल की पढ़ाई गांव में ही हुई। 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने 1982 में IISC बेंगलूरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में परास्नातक किया। उन्होंने 2006 में IIT बॉम्बे से पीएचडी की डिग्री ली।
ताकि खेती में हाथ बटा सकें सिवन
सिवन को उनके पिताजी ने पास ही के कॉलेज में दाखिला दिलाया। ताकि पढ़ाई के बाद सिवन खेती में भी पिताजी की मदद कर सकें। बीएससी के दौरान गणित विषय में सिवन ने 100 फीसदी नंबर अर्जित किए।
सिवन को उनके पिताजी ने पास ही के कॉलेज में दाखिला दिलाया। ताकि पढ़ाई के बाद सिवन खेती में भी पिताजी की मदद कर सकें। बीएससी के दौरान गणित विषय में सिवन ने 100 फीसदी नंबर अर्जित किए।