ऐसा करने पर चंद्रयान-2 चांद के चारों ओर 178 किलोमीटर की एपोजी और 1411 किमी की पेरीजी में परिक्रम करेगा।
आपको बता दें कि इससे पहले ISRO ने 21 अगस्त को Chandrayaan-2 को चांद की दूसरी कक्षा में प्रवेश कराया था।
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गौरतलब है कि भारतीय स्पेस एजेंसी ने गुरुवार को चंद्रयान-2 स्पेसक्राफ्ट द्वारा चांद की खींची गई पहली तस्वीर जारी की। इस तस्वीर को चांद से 2,650 किलोमीटर की ऊंचाई पर 21 अगस्त को लिया गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट में लिखा कि चंद्रयान 2 ( Chandrayaan-2 ) विक्रम लैंडर द्वारा चांद की सतह से 2,650 किलोमीटर की ऊंचाई से 21 अगस्त 2019 को खींची गई चांद की पहली तस्वीर देखें।
इसरो ने कहा कि इस तस्वीर में मेयर ओरिएंटल बेसिन और अपोलो क्रेटर की पहचान की जा सकती है।
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इसरो सूत्रों के अनुसार इसरो चंद्रयान-2 ( Chandrayaan-2 ) पर नजर रखने के लिए टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) सेंटर की सहायता लेता है।
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दरअसल, इसरो के इस सेंटर के संसार की लगभग 19 ब्रांच हैं। इनमें से 5 ब्रांच तो भारत में ही स्थित हैं, जो बेंगलुरु, श्रीहरिकोटा, पोर्ट ब्लेयर, तिरुवनंतपुरम और लखनऊ में हैं।
जबकि 14 सेंटर्स दुनिया के भिन्न-भिन्न देशों में मौजूद हैं।