इसरो द्वारा इस संबंध में जानकारी साझा की गई। इसरो ने बताया कि सुनियोजित ढंग से रविवार को चंद्रयान-2 को चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए पांचवीं और अंतिम कक्षा में पहुंचना था। अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम 6 बजकर 21 मिनट पर चंद्रयान-2 ने यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया।
चंद्रयान-2 के बारे में इसरो के पूर्व प्रमुख ने किया बड़ा खुलासा अंतरिक्ष विज्ञान के मुताबिक इस प्रक्रिया को मेन्युवर (Maneuver) कहा जाता है। रविवार को चंद्रयान-2 द्वारा की गई मेन्युवर की यह प्रक्रिया 52 सेकेंड लंबी थी। इस दौरान चंद्रयान ने 119 किलोमीटर X 127 किलोमीटर की परिक्रमा पूरी की।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-2 स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह सामान्य है। इसरो का बड़ा खुलासा, यह थी चंद्रयान से संपर्क टूटने की असली वजह इसरो के मुताबिक अब सोमवार 2 सितंबर को चंद्रयान-2 को अगला पड़ाव पार करना है। इसके अंतर्गत चंद्रयान-2 से विक्रम लैंडर अलग होगा। यह प्रक्रिया 2 सितंबर दोपहर 12.45 बजे से 13.45 बजे के बीच होगी।
इसके बाद विक्रम लैंडर दो डीऑर्बिट मेन्युवर करेगा, यानी दो कक्षाएं पीछे जाने की प्रक्रिया अपनाएगा, ताकि यह चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में लैंडिंग के लिए तैयार हो सके। ब्रह्मांड में Earth 2.0 मौजूद! पहली बार एक ग्रह पर मिला पानी, हाइड्रोजन और हीलियम
गौरतलब है कि चंद्रयान-2 स्पेसक्राफ्ट से विक्रम लैंडर आगामी 7 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात्रि 1.30 से 2.30 बजे चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा।