खास बात यह है कि इससे ठीक पहले इसरो ने ही अपने ऑर्बिटर से चांद की ऐसी तस्वीरें भेंजी हैं जो सकारात्मक संकेत दे रही हैं। चंद्रयान-2 चांद पर शुरू हो रही है हलचल, लैंडर विक्रम नहीं बल्कि रोवर प्रज्ञान से आ रही जानकारी!
इसरो ( ISRO ) ने चंद्रयान-2 ( Chandrayaan 2 ) के ऑर्बिटर से चांद ( MOON ) की सतह की खींची गई तस्वीर जारी की गई है। हाई रिजॉल्यूशन कैमरे की इस तस्वीर पर चंद्रमा की सतह बेहद साफ नजर आ रही है।
मौसम को लेकर आ गई सबसे बड़ी खबर, तेजी से करवट ले रही है फिजा, इन राज्यों में बढ़ रहा है खतरा आपको बता दें कि ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा का चक्कर लगा रहा है और यह 7.5 साल तक काम करता रहेगा।
मिशन चंद्रयान-2 को लेकर जो सबसे अच्छी खबर है वो ये कि चांद एक बार फिर रोशन होने जा रहा है। यहां पर आ रही सूरज की रोशनी ना सिर्फ प्रकाश ला रही है बल्कि लैंडर विक्रम से संपर्क की उम्मीदों को पंख भी लगा रही है।
मिशन चंद्रयान-2 को लेकर जो सबसे अच्छी खबर है वो ये कि चांद एक बार फिर रोशन होने जा रहा है। यहां पर आ रही सूरज की रोशनी ना सिर्फ प्रकाश ला रही है बल्कि लैंडर विक्रम से संपर्क की उम्मीदों को पंख भी लगा रही है।
लैंडर विक्रम के अंदर लेग सोलर पैनल का संपर्क जैसे ही सूरज की रोशनी से होगा वो चार्ज होना शुरू हो जाएगा। लैंडर विक्रम के चार्ज होते ही इसके तमाम फंक्शन काम करना शुरू कर सकते हैं।
चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम को लेकर इसरो को मिली बड़ी कामयाबी, बस अब इस चीज का इंतजार रोवर प्रज्ञान भी करने लगेगा काम
आपको बता दें कि लैंडर विक्रम से संपर्क होने के साथ ही जो सबसे अच्छी बात सामने आई है वो ये कि रोवर प्रज्ञान अब भी लैंडर विक्रम में ही मौजूद है। ऐसे में विक्रम के चार्ज होते ही रोवर प्रज्ञान के एक्टिव होने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी।
आपको बता दें कि लैंडर विक्रम से संपर्क होने के साथ ही जो सबसे अच्छी बात सामने आई है वो ये कि रोवर प्रज्ञान अब भी लैंडर विक्रम में ही मौजूद है। ऐसे में विक्रम के चार्ज होते ही रोवर प्रज्ञान के एक्टिव होने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी।
साउथ पोल पर लैंड कराने की बड़ी वजह
चंद्रयान- 2 मिशन में भारत ने अपने यान को उतारने के लिए साउथ पोल ही चुना है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि चंद्रमा के इस इलाके में सबसे ज्यादा पानी और मिनरल है, जिस पर हम जिंदा रहते हैं।
चंद्रयान- 2 मिशन में भारत ने अपने यान को उतारने के लिए साउथ पोल ही चुना है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि चंद्रमा के इस इलाके में सबसे ज्यादा पानी और मिनरल है, जिस पर हम जिंदा रहते हैं।