पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपने वो किया है, जो पहले किसी नहीं नहीं किया। आप पत्थर पर लकीर खींचने वालों में से हैं। पीएम ने कहा कि निरंतर लक्ष्य की ओर बढ़ने की हमारी परंपरा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर कठिनाई, हमें कोई नई सीख देकर जाती है। कोई भी नया आविष्कार, नई तकनीकि के लिए प्रेरित करती है। यही सीख, यही प्रेरणा भविष्य में हमारी सफलताओं को सुनिश्चित करती है। पीएम मोदी ने कहा कि ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक है तो वह केवल विज्ञान है। क्यों कि विज्ञान में असफलता की कोई गुंजाइश नहीं है, यहां केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं।
प्रधानमंत्री चंद्रयान-2 की लाइव स्क्रीनिंग देखने के लिए बेंगलुरु स्थित इसराकें के मुख्यालय पहुंचे थे। आपको बता दें कि चंद्रयान-2 के अंतिम चरण में भारत का मून लैंडर विक्रम से समय संपर्क टूट गया।
यह तब हुआ वह जब विक्रम शनिवार तड़के अपने मिशन को पूरा करने के लिए चांद की सतह पर पहुंचने ही वाला था।
इस दौरान पीएम ने कहा कि मैं उन सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के परिजनों को प्रणाम करता हूं, जिनका इन मिशन में किसी भी रूप में योगदान रहा। उन्होंने कहा कि हम अस्थाई रूप से असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कम नहीं होगा। हम एक बार फिर नई ऊर्जा और जोश के साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने वैज्ञानिकों से मुखाबित होते हुए कहा कि पूरा देश आपके साथ है और आप सभी महान प्रोफेशनल हैं। आपने देश के विकास और प्रगति के नाम अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। आपकी वजह से ही दुनिया के सामने देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई अवसर मिले।
आपको बता दें कि इसरों के इस मिशन में 978 करोड़ रुपए की लागत आई थी। लेकिन चंद्रयान-2 मिशन पर अब आशंका बढ़ गई है।
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद जहां सेंटर में मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों में भारी निराशा का भाव छा गया, वहीं पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आपने बेहतरीन काम किया है।
यह कोई कम बड़ी उपलब्धि नहीं है। पीएम ने कहा कि निराश होने की कोई जरूरत नहीं है, जीवन में उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी इसरों के वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाने के लिए शनिवार सुबह 8 बजे इसरो सेंटर से देश को संबोधित करेंगे।
इस दौरान वह वैज्ञानिकों से भी बातचीत भी करेंगे।