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NASA की मदद के बाद भी नहीं हुआ ‘विक्रम’ से संपर्क, ISRO प्रमुख बोले- अगले मिशन पर करें फोकस

6 दिन बाद भी ISRO चंद्रयान-2 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम से संपर्क नहीं कर पाया
ISRO प्रमुख वैज्ञानिकों से अगले प्रोजेक्ट पर फोकस करने के लिए कहा
इसरो चीफ ने लैंडर विक्रम से संपर्क न होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया

Sep 12, 2019 / 08:14 am

Mohit sharma

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नई दिल्ली। 6 दिन बाद भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) चंद्रयान-2 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम से संपर्क नहीं कर पाया है।

इसके साथ ही इसरो प्रमुख के सिवन ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए अगले प्रोजेक्ट पर फोकस करने के लिए कहा है।

हालांकि इसरो चीफ ने लैंडर विक्रम से संपर्क न होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया।

लेकिन इसरो प्रमुख का यह रुख कहीं न कहीं इस बात की ओर संकेत करता है कि अब विक्रम से संपर्क करना शायद मुश्किल होगा।

 

आपको बता दें कि 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष सेंटर से मिशन चंद्रयान-2 लॉंच किया गया था।

मिशन के अंतर्गत 6 सितंबर की रात को चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद की सतह पर सॉफट लैंडिंग कराई जानी थी, लेकिन अचानक इसरो से उसका संपर्क टूट गया।

बाद में जांच में पाया गया कि लैंडर विक्रम की सॉफट लैंडिंग नहीं कराई जा सकती और वह चांद की चांद की सतह पर तय सीमा से 400 मीटर दूर जाकर गिरा है।

इस बात का खुलासा चंद्रमा के चक्कर काट रहे चंद्रयान के आर्बिटर ने किया है।

आर्बिटर ने अंतरिक्ष से लैंडर विक्रमकी जो तस्वीर भेजी है, उससे उसकी लोकेशन का पता चला है।

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गौरतलब है कि इसरो लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की हर संभव कोशिश कर रहा है। लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है।

यहां तक कि इसरो ने इस काम के लिए नासा से भी मदद ली है। इसरो के एक वैज्ञानिक के अनुसार डीप स्पेस नेटवर्क में मौजूद 32-मीटर एंटीने के अलावा नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के 70-मीटर के एंटीने के माध्यम से भी लैंडर विक्रम से कम्यूनिकेशन बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई असफलता न मिल पाई ।

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