इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि विक्रम को चंद्रमा की सतह के जिस स्थान पर उतरना था, उससे करीब 500 मीटर दूर (चंद्रमा की) सतह से वह टकराया है। लेकिन इस पर इसरो ने आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट में यह बताया जा रहा है कि इसरो की एक टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वे लैंडर के एंटिना को इस तरह से फिर से व्यवस्थित कर सकते हैं कि संपर्क बहाल हो जाए।
चंद्रयान-2 ISRO ही नहीं यहां से भी की जा रही है लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिश
चंद्रयान-2 ISRO ही नहीं यहां से भी की जा रही है लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिश
दरअसल संपर्क बहाल करने के लिए ISRO हर मुमकिन कोशिश में जुटा है। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि टेढ़े पड़े एंटिना को अगर किसी तरह सीधा कर लिया जाए तो लैंडर विक्रम से संपर्क करना काफी आसान हो जाएगा।
यहां भी हो रही है लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिश
ISRO की ओर से हरसंभव प्रयास किए जाने के बीच तमिलनाडु के तंजावुर के नजदीक स्थित एक चंद्र मंदिर में श्रद्धालुओं ने लैंडर से संपर्क कराने के लिए चंद्र देव से प्रार्थना की। चंद्र मंदिर के एक अधिकारी ने कहा इस दौरान चंद्र देव का शहद और चंदन सहित विभिन्न चीजों से (बने पंचामृत से) अभिषेक किया गया।
ISRO की ओर से हरसंभव प्रयास किए जाने के बीच तमिलनाडु के तंजावुर के नजदीक स्थित एक चंद्र मंदिर में श्रद्धालुओं ने लैंडर से संपर्क कराने के लिए चंद्र देव से प्रार्थना की। चंद्र मंदिर के एक अधिकारी ने कहा इस दौरान चंद्र देव का शहद और चंदन सहित विभिन्न चीजों से (बने पंचामृत से) अभिषेक किया गया।
पूजा- अर्चना के बाद सामुदायिक भोज का भी आयोजन किया गया। श्री कैलाशनाथर (शिव) मंदिर के प्रांगण में ही चंद्र मंदिर भी है। यह नौ ग्रहों को सर्मिपत ‘नवग्रह’ मंदिरों में से एक है ।