इस बीच खबर मिली है करवाचौथ के दिन चंद्रमा पर वो ऐतिहासिक पल आ सकता है जिसका इंतजार पूरी दुनिया कर रही है। दरअसल इस बार करवाचौथ 17 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसी दिन नासा अपने लूनर के जरिये उसी जगह से गुजरने वाला है जहां लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी।
चंद्रयान-2: ISRO को मिल गई लेटेस्ट तस्वीरें, इस हाल में है लैंडर विक्रम ऐतिहासिक बन जाएगा ये पल
हिंदू रितिरिवाजों के मुताबिक करवाचौथ का दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के व्रत रखती हैं और चंद्रमा को देखकर व्रत तोड़ा जाता है। इसरो को इसी दिन एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।
हिंदू रितिरिवाजों के मुताबिक करवाचौथ का दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के व्रत रखती हैं और चंद्रमा को देखकर व्रत तोड़ा जाता है। इसरो को इसी दिन एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।
दरअसल चंद्रयान-2 के प्रशंसक इसी दिन का इंतजार कर रहे थे। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने विक्रम के बारे में कोई सूचना देने की उम्मीद जताई है, क्योंकि उसका लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (एलआरओ) उसी स्थान के ऊपर से गुजरेगा, जिस स्थान पर भारतीय लैंडर विक्रम के गिरने की संभावना जताई गई है।
पाकिस्तान को लेकर पीएम मोदी ने कर दिया सबसे बड़ा ऐलान, अब वाटर स्ट्राइक की तैयारी में भारत अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) बहुत जल्द भारतीय मून लैंडर विक्रम की स्थिति की जानकारी दे सकेगी।
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि उसका एलआरओ 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट से गुजरा था और उस क्षेत्र की हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरें पाई थीं।
नासा ने कहा है कि लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) की टीम को हालांकि लैंडर की स्थिति या तस्वीर नहीं मिल सकी थी।
नासा ने कहा है कि लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) की टीम को हालांकि लैंडर की स्थिति या तस्वीर नहीं मिल सकी थी।
परछाई में छिपा है लैंडर विक्रम
नासा ने कहा है, “जब लैंडिंग क्षेत्र से हमारा ऑर्बिटर गुजरा तो वहां धुंधलका था और इसलिए छाया में अधिकांश भाग छिप गया। संभव है कि विक्रम लैंडर परछाई में छिपा हुआ है।
नासा ने कहा है, “जब लैंडिंग क्षेत्र से हमारा ऑर्बिटर गुजरा तो वहां धुंधलका था और इसलिए छाया में अधिकांश भाग छिप गया। संभव है कि विक्रम लैंडर परछाई में छिपा हुआ है।
अबकी बार रोशनी है जोरदार
एलआरओ जब अक्टूबर में वहां से गुजरेगा, तब वहां प्रकाश अनुकूल होगा और एक बार फिर लैंडर की स्थिति या तस्वीर लेने की कोशिश की जाएगी। अमरीकी स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा एक बार फिर से अपना लूनर रोवर ऑपरेटर चंद्रमा पर भेजा है। यह एलआरओ उसी जगह पर पहुंचा है जहां पर भारतीय स्पेस एजेंसी ने अपना चंद्रयान-2 की ओर से लैंडर विक्रम को भेजा था।
एलआरओ जब अक्टूबर में वहां से गुजरेगा, तब वहां प्रकाश अनुकूल होगा और एक बार फिर लैंडर की स्थिति या तस्वीर लेने की कोशिश की जाएगी। अमरीकी स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा एक बार फिर से अपना लूनर रोवर ऑपरेटर चंद्रमा पर भेजा है। यह एलआरओ उसी जगह पर पहुंचा है जहां पर भारतीय स्पेस एजेंसी ने अपना चंद्रयान-2 की ओर से लैंडर विक्रम को भेजा था।
सोमवार को नासा का एलआरओ यहां पहुंचा और माना जा रहा है कि वह एक बार फिर से चंद्रयान-2 के लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश करेगा। आपको बता दें कि इसरो का लैंडर 7 सितंबर को हार्ड लैंडिंग करने में विफल रहा था, जिसके बाद इसरो का इससे संपर्क टूट गया था। माना जा रहा है कि लैंडर अब निष्क्रिय हो गया है और यह बर्फ में जम गया है।
तस्वीरों में बड़ा खुलासा लैंडर से इसरो का संपर्क टूटने के बाद नासा दूसरी बार इसकी तस्वीर लेने की कोशिश करेगा। इससे पहले 17 सितंबर को भी नासा का एलआरओ इस जगह पहुंचा था।
लेकिन यह तस्वीर अंधेरे में लिए जाने की वजह से साफ नहीं आ सकी थी। लिहाजा इस तस्वीर में लैंडर को सही से नहीं देखा जा सका। उस वक्त नासा ने कहा था कि हो सकता है कि विक्रम ऐसी जगह पर छिपा हो जहां पर रोशनी ना पहुंच रही हो। नासा की ओर से कहा गया था कि एलआरओ एक बार फिर से 14 अक्टूबर को विक्रम लैंडर की साइट की तस्वीर लेगा।