आपको बता दें कि अब चंद्रयान-2 178 किलोमीटर की एपोजी और 1411 किलोमीटर की पेरीजी में चंद्रमा का चक्कर लगाएगा। यहां ये जान लेना भी जरूरी है कि बता दें कि Chandrayaan 2 20 अगस्त को चंद्रमा की पहली जबकि 21 अगस्त को दूसरी कक्षा में प्रवेश किया था।
मौसम विभाग सबसे बड़ी चेतावनी, अगले 24 घंटे भारी बारिश के साथ आएगा तूफान बस एक पड़ाव बाकी
चंद्रयान-2 अपने मिशन से बस एक पड़ाव दूर है। दरअसल चंद्रयान-2 को चांद की सबसे करीबी कक्षा तक पहुंचाने के लिए चार कक्षीय बदलाव किए जाने थे, जिनमें तीन बदलाव पूरे हो चुके हैं।
चंद्रयान-2 अपने मिशन से बस एक पड़ाव दूर है। दरअसल चंद्रयान-2 को चांद की सबसे करीबी कक्षा तक पहुंचाने के लिए चार कक्षीय बदलाव किए जाने थे, जिनमें तीन बदलाव पूरे हो चुके हैं।
अब 30 अगस्त यानी दो दिन और बचे हैं जब चंद्रयान-2 को शाम करीब 6.00 से 7.00 बजे के बीच 1263164 किलोमीटर की कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा। मिशन का अगला जरूरी पड़ाव दो सितंबर को होगा जब विक्रम लैंडर, ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।
इसके बाद लैंडर विक्रम अपने अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर को लेकर चांद की ओर बढ़ना शुरू करेगा। इसमें सबसे बड़ी चुनौती यान की गति को कम करने के साथ साथ आर्बिटर को भी नियंत्रित करने की होगी।
यानी वैज्ञानिकों को एक साथ आर्बिटर और लैंडर विक्रम की सटीकता के लिए काम करते रहना होगा। अगले तीन दिन बड़ी चुनौती
चंद्रयान-2 अगले महीने की 4 तारीख को चांद के सबसे करीब होगा। इस दौरान चंद्रयान-2 नजदीकी कक्षा में 35397 में चक्कर लगाएगा। खास बात यह है कि अगले तीन दिन तक लैंडर विक्रम इसी कम दूरी से चंद्रमा का चक्कर लगाता रहेगा।
चंद्रयान-2 अगले महीने की 4 तारीख को चांद के सबसे करीब होगा। इस दौरान चंद्रयान-2 नजदीकी कक्षा में 35397 में चक्कर लगाएगा। खास बात यह है कि अगले तीन दिन तक लैंडर विक्रम इसी कम दूरी से चंद्रमा का चक्कर लगाता रहेगा।
इस तरह 7 सितंबर को तड़के 1.55 बजे लैंडर विक्रम चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा। जब ये दुनिया का पहला ऐसा यान बनकर इतिहास रचेगा। तनाव बढ़ाएंगे ये खास 15 मिनट
चंद्रमा की सतह पर लैंडिंगे वक्त लैंडर विक्रम की रफ्तार दो मीटर प्रति सेकंड होगी। इस दौरान 15 मिनट बेहद तनावपूर्ण होंगे।
चंद्रमा की सतह पर लैंडिंगे वक्त लैंडर विक्रम की रफ्तार दो मीटर प्रति सेकंड होगी। इस दौरान 15 मिनट बेहद तनावपूर्ण होंगे।
सुबह 3.55 बजे लैंडिंग के करीब दो घंटे के बाद लैंडर विक्रम से छह पहियों वाला प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा। शुरू होगा 14 दिन का ऐतिहासिक सफर
सात सितंबर को सुबह 5.05 बजे रोवर प्रज्ञान का सोलर पैनल खुलेगा जिसके जरिए उसे काम करने के ऊर्जा मिलेगी।
सात सितंबर को सुबह 5.05 बजे रोवर प्रज्ञान का सोलर पैनल खुलेगा जिसके जरिए उसे काम करने के ऊर्जा मिलेगी।
सुबह 5.10 बजे से रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से 14 दिनों तक चलने वाली अपनी यात्रा शुरू करेगा। यात्रा शुरू करने के 15 मिनट के भीतर ही इसरो को लैंडिंग की तस्वीरें मिलनी शुरू हो जाएंगी।