चंद्रयान 2 : विक्रम को लेकर आ गई बड़ी खबर, इस जगह मिली इतनी बड़ी अहम चीज, तस्वीर देखकर… चांद पर मिल गई बड़ी सफलता, मिली ऐसी चीज कि देखकर झूम उठे लोग
चंद्रयान 2 के लैंडर और रोवर से चंद्र सतह की फिजिकल ऑबजर्वेशन के डेटा के अभाव में इसरो ने कहा कि सोडियम, कैल्शियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम और लोहे जैसे तत्वों का पता लगाने के लिए पेलोड को जैसे काम करना चाहिए, वैसे काम कर रहा है। इतना ही नहीं इसरो को यह भी उम्मीद है कि चांद पर दिन होते ही विक्रम लैंडर एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।
इसरो का बड़ा खुलासा, चंद्रयान 2 के लिे इस तरह जुगाड़ से बनाई ऐसी चीज कि… ISRO अगले साल अंतरिक्ष में रचेगा इतिहास, करेगा ऐसा प्रयोग जो अभी तक नहीं हुआ गौरतलब है कि मंगलवार को इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि अभी हमारे लैंडिंग स्थल पर भी रात का समय हो रहा है। चंद्रमा पर रात होने का मतलब है कि लैंडर अब अंधेरे में जा चुका है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर दिन होने के बाद एक बार फिर हम प्रयास करेंगे। चंद्रयान-2 काफी जटिल मिशन था जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के अनछुए हिस्से की खोज करने के लिए ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को एक साथ भेजा गया था।
यहां आपको बता दें कि इसरो ने प्रक्षेपण से पहले कहा था कि लैंडर और रोवर का जीवनकाल एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिनों के बराबर होगा। कुछ अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि लैंडर से संपर्क स्थापित करना अब काफी मुश्किल लगता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 18 अक्टूबर को नासा का LRO फिर वहां से गुजरेगा और विक्रम लैंडर की तस्वीर खींचेगा।