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SKMCH में 46 बच्चों की मौत
गुरुवार को आई रिपोर्ट के मुजफ्फरपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मुताबिक श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज ( SKMCH ) में ही 46 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। वहीं केजरीवाल मातृ सदन अस्पताल में 8 बच्चे काल की गाल में समा चुके हैं। अभी भी बच्चों के भर्ती होने का सिलसिला जारी है।
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कहर पर सरकार की नजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बीमारी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं। जापानी इंसेफलाइटिस पर सीएम ने कहा कि बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपाती है। इसकी पूरी जांच की जा रही है।बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे
गौरतलब है कि 15 साल तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस कारण मरने वालों में अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच है। इस बीमारी का शिकार आमतौर पर गरीब परिवार के बच्चे होते हैं। उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली में सबसे ज्यादा इंसेफलाइटिस बीमारी का प्रभाव दिखता है।
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क्या हैं ‘चमकी बुखार’ और इंसेफेलाइटिस के लक्षण– लगातार तेज बुखार चढ़े रहना
– लगातार उल्टी और दस्त
– कमजोरी की वजह से बेहोशी
– अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना
– बदन में लगातार ऐंठन होना
– दांत पर दांत दबाए रहना