विविध भारत

बिहार में चमकी बुखार और इंसेफेलाइटिस का कहर, अब तक 54 बच्चों की मौत

बिहार के मुजफ्फरपुर में मौत का तांडव
चमकी बुखार और इंसेफेलाइटिस से लगातार हो रही बच्चों की मौत
सरकार, डॉक्टर और मां-बाप…सब हुआ लाचार

Jun 13, 2019 / 11:26 pm

Chandra Prakash

बिहार में चमकी बुखार और इंसेफलाइटिस का कहर, अब तक 54 बच्चों की मौत

नई दिल्ली। उमस भरी गर्मी के बीच बिहार के मुजफ्फरपुर में मौत का तांडव मचा हुआ है। ‘चमकी बुखार’ और इंसेफेलाइटिस की वजह से हर रोज मासूम बच्चों की मौत हो रही है। इस खतरनाक बुखार की चपेट में आकर अबतक 54 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। मौसम की तल्खी और हवा में नमी की अधिकता की वजह से संदिग्ध एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ( एईएस ) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) नामक बीमारी पांव पसारती जा रही है।

देश के करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को मोदी सरकार का तोहफा, ESIC के दरों हुई भारी कटौती

SKMCH में 46 बच्चों की मौत

गुरुवार को आई रिपोर्ट के मुजफ्फरपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मुताबिक श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज ( SKMCH ) में ही 46 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। वहीं केजरीवाल मातृ सदन अस्पताल में 8 बच्चे काल की गाल में समा चुके हैं। अभी भी बच्चों के भर्ती होने का सिलसिला जारी है।

इसरो प्रमुख ने किया ऐलान, अपना स्पेस स्टेशन लॉन्च करेगा भारत

कहर पर सरकार की नजर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बीमारी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं। जापानी इंसेफलाइटिस पर सीएम ने कहा कि बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपाती है। इसकी पूरी जांच की जा रही है।
शुगर और नमक की कमी से बीमार हो रहे बच्चे

SKMCH अधीक्षक डॉक्टर सुनील शाही ने कहा कि अधिकांश बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी अचानक शुगर की कमी और कुछ बच्चों के शरीर में सोडियम (नमक) की मात्रा भी कम पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एईएस के संदिग्ध मरीजों का इलाज शुरू करने से पहले चिकित्सक उसकी जांच कराते हैं। ब्लड शुगर, सोडियम, पोटाशियम की जांच के बाद ही उसका इलाज शुरू किया जाता है।
ISRO 2022 में लॉन्च करेगा मानव मिशन गगनयान, तब होगी आजादी की 75वीं सालगिरह

chamki fever

बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे

गौरतलब है कि 15 साल तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस कारण मरने वालों में अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच है। इस बीमारी का शिकार आमतौर पर गरीब परिवार के बच्चे होते हैं। उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली में सबसे ज्यादा इंसेफलाइटिस बीमारी का प्रभाव दिखता है।

विश्वविद्यालयों में जारी रहेगा 200 प्‍वाइंट रोस्‍टर, 7000 से ज्यादा शिक्षकों की सीधी भर्ती

chamki fever
क्या हैं ‘चमकी बुखार’ और इंसेफेलाइटिस के लक्षण
– लगातार तेज बुखार चढ़े रहना
– लगातार उल्टी और दस्त
– कमजोरी की वजह से बेहोशी
– अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना
– बदन में लगातार ऐंठन होना
– दांत पर दांत दबाए रहना

Hindi News / Miscellenous India / बिहार में चमकी बुखार और इंसेफेलाइटिस का कहर, अब तक 54 बच्चों की मौत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.