यही वजह है कि वैक्सीन को और ज्यादा सुरक्षित बनाने को लेकर परीक्षण किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब कोरोना वैक्सीनेशन ( Corona Vaccination ) में मिश्रित खुराक ( Mixed Dose ) को शामिल करने के लिए सरकार ने वैज्ञानिक अध्ययन को मंजूरी दे दी है। यानी जल्द ही एक व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक लगाई जा सकेंगी।
यह भी पढ़ेंः Corona Vaccine: इंजेक्शन की जगह Inhaler या Pill के जरिए दिया जा सकेगा टीका! जानिए क्या है तैयारी जल्द ही एक ही इंसान को दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक देने पर अब काम शुरू हो गया है। अब तक सामने आए अन्य चिकित्सीय अध्ययनों में वैक्सीन के मिश्रण को लेकर काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल चुके हैं।यही वजह है कि अब सरकार ने देश में भी मिस्क डोज के टेस्ट को लेकर मंजूरी दे दी है।
गुरुवार देर रात तक चली विशेषज्ञ कार्य समिति ( SEC ) की बैठक में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मिश्रित खुराक के साथ ही नाक में दी जाने वाली भारत बायोटेक की वैक्सीन पर अध्ययन को मंजूरी दे दी गई है।
बहुत जल्द देश के अलग-अलग अस्पतालों में दो वैक्सीन के मिश्रण से जुड़ा अध्ययन देखने को मिल सकता है।
एसईसी से जुड़े सदस्यों ने बताया कि कई देशों में एक ही इंसान को दो कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है और इसके परिणाम काफी बेहतर देखने को मिले हैं।
एसईसी से जुड़े सदस्यों ने बताया कि कई देशों में एक ही इंसान को दो कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है और इसके परिणाम काफी बेहतर देखने को मिले हैं।
इन परीक्षणों को मिली मंजूरी
SEC की बैठक में कोविशील्ड और कोवाक्सिन, इनके अलावा नाक से दी जाने वाली भारत बायोटेक की वैक्सीन और सीरिंज से दी जाने वाली कोवाक्सिन की मिश्रित खुराक पर अध्ययन की अनुमति दी गई है। जल्द ही देश भर के अस्पतालों में यह अध्ययन शुरू होगा।
SEC की बैठक में कोविशील्ड और कोवाक्सिन, इनके अलावा नाक से दी जाने वाली भारत बायोटेक की वैक्सीन और सीरिंज से दी जाने वाली कोवाक्सिन की मिश्रित खुराक पर अध्ययन की अनुमति दी गई है। जल्द ही देश भर के अस्पतालों में यह अध्ययन शुरू होगा।
दरअसल सीएमसी वैल्लोर के विशेषज्ञों से मिश्रित खुराक को लेकर प्रस्ताव भी मिला, लेकिन अभी तक इस अध्ययन को मंजूरी नहीं दी गई थी। कई देशों में दो कोरोना वैक्सीन पर हुए परीक्षण के बाद आए सकारात्मक परिणामों के बाद भारत में अध्ययन को मंजूरी दे दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में अध्ययन के बेहतर परिणाम मिलने के बाद इसे टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः Video: देश में कोरोना से बड़ी राहत, पिछले 24 घंटों में सामने आए इतने नए केस साल के अंत तक पूरा हो सकता है परीक्षण
एक अनुमान के मुताबिक इस अध्ययन को पूरा होने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है। यानी इस वर्ष के अंत तक कोरोना की दो अलग-अलग वैक्सीन की डोज देने का काम शुरू हो सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक इस अध्ययन को पूरा होने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है। यानी इस वर्ष के अंत तक कोरोना की दो अलग-अलग वैक्सीन की डोज देने का काम शुरू हो सकता है।
बता दें कि यूपी में एक शख्स को गलती से दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक दे दी गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उस शख्स पर नजर रखी। फिलहाल ये शख्स पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।